370 आंतरिक मसला, हम भारत के साथ, हमारे दौरे को गलत नजरिये से देखा गया: EU सांसद

जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने कहा है कि अनुच्छेद 370 भारत का आतंरिक मसला है और हम भारत के साथ हैं. ईयू सांसदों ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और कश्मीर के लोगों को सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग शांति और विकास चाहते हैं.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने मंगलवार को आतंकवादियों द्वारा पांच मजदूरों की हत्या की भी निंदा की है. बता दें दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में मंगलवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों की हत्या कर दी थी.

ईयू सांसदों ने कहा कि हमारे दौरे को गलत तरीके से प्रचारित किया गया. उन्होंने कहा कि अगर हम नाजीवादी होते तो जनता हमें नहीं चुनती. हम भारत और पाकिस्तान में बातचीत चाहते हैं. सांसदों ने कहा कि कश्मीर पर पश्चिम मीडिया का रवैया सही नहीं है.

ईयू सांसदों के प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दूसरे दिन भी जम्मू कश्मीर दौरे पर है. गौरतलब है कि पांच अगस्त को आर्टिकल-370 के हटने के बाद कश्मीर का दौरा करने वाला यह पहला विदेशी प्रतिनिधिमंडल है.

इससे पहले यूरोपीय यूनियन के सांसदों का यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा था. प्रतिनिधिमंडल यहां के एक पांच सितारा होटल में पहुंचा। इसके बाद उन्हें बादामी बाग में सेना के 15-कोर मुख्यालय में ले जाया गया, जहां सेना के शीर्ष कमांडरों ने उन्हें कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी।

15 कॉर्प्स हेडक्वॉर्टर पर यूरोपीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षाबलों ने उन्हें कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका की जानकारी दी, सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को भारत में भेजने में पाकिस्तानी सेना की भूमिका के बारे में भी बताया। यूरोपियन सांसदों ने मंगलवार को डल झील की सैर का भी आनंद लिया.

इससे पहले यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने इससे पहले सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजित डोभाल से मुलाकात की. पीएम मोदी ने यूरोपियन संसद के सदस्यों से बातचीत के दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा.

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवादियों का समर्थन या प्रायोजित करने वाले या ऐसी गतिविधियों और संगठनों का समर्थन करने वाले या नीति के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होना चाहिए.

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