देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में देश के सबसे अमीर अम्बानी परिवार का दामाद शामिल’

देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में देश के सबसे अमीर अम्बानी परिवार का दामाद शामिल’

यदि यह हेडलाइन आपको आज के अखबारों में, न्यूज़ चैनलों की ब्रेकिंग न्यूज़ में नही दिखाई दे रही है इसका मतलब है कि मीडिया पूरा बिक चुका है जो ऊपर लिखा है वह 100 प्रतिशत सत्य है लेकिन कोई बताएगा नही !,

कल जिस नीरव मोदी का नाम पीएनबी घोटाले में सामने आ रहा है उसके सगे भाई निशाल मोदी से, धीरूभाई अंबानी की बेटी मुकेश ओर अनिल अंबानी की बहन दीप्ति सलगांवकर की बेटी इशिता की शादी हुई है सीबीआई ने एफआईआर में निशाल का भी नाम लिया है

कल पीएनबी बैंक में जो घोटाला सामने आया है उसने पूरे विश्व मे भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की इज्जत की धज्जियाँ बिखेर दी है ,पोस्ट लम्बी है पर पूरी जरूर पढियेगा वैसे पता नही मीडिया इसे किस तरह से दिखाएगा पर वास्तव में यह घोटाला बताता है कि हमारी बैंकिंग व्यवस्था की चाबी किस तरह के भ्रष्ट लोगो के हाथ मे आ गयी है

आपकी जानकारी के लिए बता दूं पंजाब नेशनल बैंक देश में एसबीआई के बाद सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है और जो रकम घोटाले की बताई जा रही है वह 11,330 करोड़ रुपए (1.8 अरब डॉलर) हैं पंजाब नेशनल बैंक की 2017 में 1320 करोड़ नेट इनकम थी यानी घोटाला सालभर की नेट इनकम का आठ गुना है. घोटाले के सामने आने के बाद शेयर बाजार में पीएनबी के शेयरों की कीमत 10 फीसद गिर गई हैं दूसरे बैंकों के शेयरों ने भी खूब गोता लगाया है।

अब पीएनबी तो अपना दामन बचाते हुए कह रहा है कि इस रकम से हुए लेन-देन अनिश्चित स्वरूप के है

लेकिन यदि लेन-देन की वैधता साबित हो जाती है तो बैंक को इतनी रकम का प्रावधान अपने बैलेंसशीट में करना होगा, यानी जिसकी आय 1320 करोड़ रुपये वार्षिक हो उसे 11330 करोड़ रुपये भरना ही होंगे यह रक़म बैंक के मार्केट कैप का एक तिहाई है

अब जिसके बारे में मीडिया चुप होकर बैठ गया है वह भी सुन लीजिए कि यह घोटाला किया किसने है ?
दरअसल भारत मे डायमंड ओर डायमंड ज्वेलरी से जुड़ा व्यापार 70 हजार करोड़ रुपए का है, इस व्यापार का मुख्य गढ़ सूरत ओर मुम्बई है कहते हैं कि इस इंडस्ट्री के छह बड़े बिजनेस टाइकून है जिनके आसपास यह सारा व्यापार घूमता है, उसमे से दो टाइकून इस घोटाले में संलिप्त पाए गए है पहले है नीरव मोदी और दूसरे है मेहुल चोकसी

नीरव मोदी ज्वेलरी डिजाइनर कहे जाते है और 2.3 अरब डॉलर के फ़ायरस्टार डायमंड के संस्थापक हैं यह साल 2013 में फ़ोर्ब्स लिस्ट ऑफ़ इंडियन बिलिनेयर में आए थे और तब से अपनी जगह बनाए हुए हैं. नीरव देश के सबसे रईस लोगों की गिनती में 46वें पायदान पर खड़े हैं इनके खिलाफ एक हफ्ते पहले भी 280 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ नीरव की पत्नी एमी ओर भाई निशाल मोदी भी इस घोटाले में शामिल हैं

दूसरे आरोपी है मेहुल चोकसी, आपने नक्षत्र, संगिनी और अश्मि जैसे ब्रांड का नाम सुना होगा मेहुल चोकसी इसे बनाने वाली कम्पनी गीतांजलि जेम्स के मालिक है ओर नीरव मोदी के चाचा है पर ऐसा नही है कि गीतांजली जेम्स इस से पहले बिल्कुल साफ सुथरी कम्पनी रही हो 2013 में ही सेबी ने इसके खिलाफ कुछ एक्शन लिया था उन पर आरोप थे कि गीतांजलि में ट्रेड करने के लिए चोकसी 25 शैल कंपनियों को फाइनैंस करते थे

लेकिन 2013 भी छोड़िए आरोपी नीरव मोदी के यहाँ जनवरी 2017 में आयकर विभाग ने घर समेत 50 दफ्तरों पर छापेमारी की थी ओर उसी वक़्त इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गीतांजली ग्रुप के दफ्तरों पर भी रेड मारी थी यह मामला तभी खुल सकता था लेकिन कुछ नही किया गया

अब आते हैं उस पक्ष की ओर जिसे समझना बहुत आवश्यक है कि यह घोटाला किया कैसे गया ?
आपने कुछ दिन पहले यह सुना होगा कि अमित शाह के बेटे को एक प्राइवेट वित्तीय कम्पनी ने लेटर ऑफ क्रेडिट जारी किया था
यहाँ भी कुछ ऐसा ही मामला है

दरअसल नीरव मोदी पीएनबी की मुम्बई कारपोरेट ब्रांच से हासिल एलओयू के आधार पर दूसरे देशों में कर्ज हासिल करता था यह काम वर्ष 2010 से ही चल रहा था

एल ओ यू का अर्थ है “लेटर ऑफ अंडरटेकिंग” यह एक बैंक शाखा की तरफ से , दूसरे बैंक शाखा को जारी एक ऐसा प्रपत्र है जो निश्चित खाताधारकों के पक्ष में दी गई एक गारंटी होती है। इसके आधार पर दूसरे जगह स्थित बैंक शाखा उस ग्राहक को कर्ज की सुविधा देती हैं

नीरव मोदी पीएनबी की उक्त शाखा से हासिल एलओयू के आधार पर दूसरे देशों में कर्ज हासिल करता था मोदी इस कर्ज को समय पर चुका देता था और बात दबी रहती थी लेकिन हाल ही में नीरव मोदी ने कर्ज का भुगतान नहीं किया

हुआ यूं कि गड़बड़ी में शामिल पीएनबी के अधिकारियों ने अधिक रिश्वत की मांग की। मोदी ने इसे देने से मना कर दिया इसके जवाब में उसे पीएनबी ने भी एलओयू जारी नहीं किया ओर वर्षों से चल रहा यह चक्र टूट गया ऐसे में एक विदेशी बैंक ने हांगकांग की नियामक एजेंसी के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक को सूचना भेज दी

आरबीआइ ने जब पीएनबी से जबाव तलब किया तो उसके पास इसे सार्वजनिक करने और मामला की जांच करवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा

लेकिन यह मामला अब सिर्फ पीएनबी तक ही सीमित नही रह गया है पता चला है कि यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने भी पीएनबी की तरफ से गड़बडी करने वाले खाताधारकों को जारी एलओयू के आधार पर कर्ज दिए हैं

सबसे अधिक शर्मिंदगी की बात तो यह है कि विदेशी बैंकों को भी एक तरह से धोखा दिया गया है

यह मामला भारतीय बैंकिंग पर लग चुका बदनुमा दाग है यह मामला टिप ऑफ द आइसबर्ग भी साबित हो सकता है क्योंकि जानकारों की मानें तो बैंक एलओयू जारी करने का यह धंधा अनाधिकृत तौर पर आयातकों के साथ मिल कर खूब करते हैं और इसे परोक्ष तौर पर उन्हें शीर्ष अधिकारियों से अनुमति होती है

अब इस केस में अम्बानी के दामाद शामिल है इसीलिए मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय के बैंकिंग विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन जी कह रहे है कि ‘यह एक बड़ा मामला नहीं है और ऐसी स्थिति नहीं है जिसे कहा जाए कि हालात काबू में नहीं है।’
अम्बानी के दामाद का मामला हो तो हालात क्यो न काबू में बताए जाएंगे शायद यह घोटाला भी अच्छे दिनों की गिनती में आ जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *