अखिलेश के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते मुलायम! कार्यकारिणी की बैठक से रहे नदारद
उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बीच अभी भी रिश्ते सामान्य नहीं हुए हैं। शनिवार (28 जुलाई) को लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक थी लेकिन उसमें मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे। मुलायम के अलावा उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव भी इस बैठक से नदारद रहे। यह पहला मौका नहीं है जब मुलायम सिंह यादव ने पार्टी की बैठक से किनारा किया हो। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में आगरा में आयोजित बैठक में भी मुलायम नहीं पहुंचे थे जब अखिलेश का औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर चुना जाना था। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश यादव के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते।
बता दें कि पिछले साल यूपी विधान सभा चुनावों से ऐन पहले जनवरी के पहले हफ्ते में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर अखिलेश ने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर खुद पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी और चाचा शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। मुलायम के खास राज्य सभा सांसद अमर सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया था। तब पार्टी कार्यकारिणी ने मुलायम सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी का संरक्षक नियुक्त किया था। हालांकि, शनिवार की बैठक से मुलायम के गैर हाजिर रहने पर पार्टी नेता सफाई दे रहे हैं कि वो राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नहीं है, इसलिए बैठक में नहीं आए लेकिन पार्टी के ही दूसरे बड़े नेता कह रहे हैं कि चूंकि मुलायम सिंह यादव पार्टी के संस्थापक हैं और संरक्षक हैं, इसलिए वो पार्टी की किसी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं।
आगामी लोकसभा चुनावों और तीन राज्यों के विधान सभा चुनावों में चुनाव पूर्व गठबंधन के विकल्पों पर चर्चा के लिए पार्टी ने शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। अखिलेश यादव इस साल होने वाले विधान सभा चुनावों को लेकर काफी संजीदा हैं और गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने को इच्चुक हैं। इसके मद्देनजर उन्होंने मध्य प्रदेश का दौरा भी किया है। माना जा रहा है कि पार्टी ने उन विधान सभा सीटों पर मंथन किया है, जहां से उसके उम्मीदवार के जीत की संभावना है। इस बैठक में अखिलेश के अलावा पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव, किरणमय नंदा, जया बच्चन समेत कई पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।