अखिलेश को आवंटित सरकारी बंगला अब तहस-नहस, सपा बोली- योगी ने करवाई तोड़फोड़

समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा खाली किए गए सरकारी बंगले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे पर तोड़फोड़ की गई है। पार्टी प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ने कहा कि जब राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी सौंप दी गई, उसके बाद बंगले के अंदर जानबूझकर तोड़-फोड़ की गई है, ताकि अखिलेश यादव की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि उप चुनावों में लगातार हार की वजह से बौखलाहट में सीएम ने ऐसा करवाया है। बता दें कि अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2 जून को सरकारी बंगला चार विक्रमादित्य मार्ग खाली कर दिया था और उनके स्टाफ ने राज्य संपदा विभाग को उसकी चाभी सौंप दी थी लेकिन उसके दो-तीन दिनों के बाद मीडिया में खबरें आने लगीं कि अखिलेश यादव ने बंगला खाली करने से पहले वहां तोड़फोड़ करवाई और साजो-सामान समेत महंगे फर्नीचर, एसी, टीवी, विदेशी पेड़-पौधे लेते गए।

मीडिया में बंगले में तोड़फोड़ की खबरें आने के बाद अखिलेश यादव ने राज्य संपदा विभाग से टूटे-फुटे सामानों की लिस्ट देने को कहा है। परिवार समेत वृंदावन पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर नुकसान हुआ है तो वो उसकी भरपाई कर देंगे। उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग को कहा है कि नुकसान हुई संपत्ति की सूची उपलब्ध कराई जाय। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस मामले में रविवार (10 जून) को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर साजिश का पर्दाफाश करने की बात कही है।

इधर, योगी सरकार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ कर और सामानों को निकालकर सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना की है। उन्होंने कहा कि वह सरकारी संपत्ति थी। लिहाजा, किसी को उसे बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है। मीडिया में आ रही तस्वीरों के मुताबिक चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले से एसी, इलेक्ट्रिक उपकरण, सजावट के सामान, विदेशी पेड़-पौधे, कारपेट और टाइल्स भी उखाड़े गए हैं। अखिलेश के बंगले का स्वीमिंग पूल भी पाट दिया गया था। बंगले की दीवार पर भी कई जगह तोड़ फोड़ के निशान मिले हैं। हालांकि, बंगला में स्थित मंदिर के हिस्से को नहीं छेड़ा गया है।

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