‘अटल जी मुझे कालीचरण बुलाते थे’ शत्रुघ्न सिन्हा को यूं याद आए वाजपेयी
भाजपा नेता और बिहार के पाटलिपुत्र से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि, “मैं अटल जी के बारे में और क्या कह सकता हूं जो पहले नहीं कहा है। कभी-कभी अटल जी फिल्म में निभाए गए मेरे किरदार ‘कालीचरण’ का नाम लेकर मुझे बुलाते थे। अटल जी और आडवाणी जी मेरे राजनीतिक गुरु हैं। वे मेरे पिता समान हैं। उन्होंने मुझे ट्रेनिंग के लिए नानाजी देशमुख और उसके बाद मदन लाल खुराना व कैलाशपति मिश्र के पास भेजा था। राजनीति में मेरी शुरूआती ट्रेनिंग से लेकर शामिल होने तक हर वक्त अटल जी ने मेरा साहस बढ़ाया और मेरा समर्थन किया। वह एक ऐसे आदमी थे, जिनके पास एक दृष्टि थी। चाहे वह पोखरण में न्यूक्लियर विस्फोट हो या भारत से लाहौर की बस सेवा, अटल जी पहले एक दूरदर्शी थे और फिर एक राजनीतिज्ञ। मैं लाहौर के लिए शुरू की गई उस ऐतिहासिक बस सेवा के पहले सफर में उनके पीछे बैठा था। हम लोग हंसी मजाक करते हुए गए और वह यात्रा मजेदार रही। जीवन की यात्रा को दिलचस्प बनाने के लिए हम हमेशा अटलजी पर भरोसा कर सकते थे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति कैसी है, वे कविता और हास्य के साथ वातावरण को हल्का कर सकते थे।”
भाजपा नेता ने कहा कि, “प्रधानमंत्री रहते हुए जो भी उनके साथ काम करते थे, उनके दिमाग में जो कुछ चल रहा हो, बोलने को स्वतंत्र थे। आज हम लगातार डर में काम करते हैं। किसी को खुद की भावना को बताने की इजाजत नहीं है। अटलजी ने बहस और असहमति को प्रोत्साहित किया। यही कारण है कि उन्हें ऐसा लोकतांत्रिक बना दिया। मुझे याद है कि मैंने बिहार और पटना में खराब चिकित्सा देखभाल के बारे में अटलजी से चर्चा की थी। पूछा कि बिहार की राजधानी में हमारे पास एम्स जैसी अस्पताल क्यों नहीं हो सकती है। अटलजी ने पूरी तरह से मेरी योजनाओं का समर्थन किया और इस तरह पटना को अपना शीर्ष अस्पताल मिला।”
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि, “अटलजी फिल्में पसंद करते थे। वह कभी-कभी मुझे कालीचरण कह कर बुलाते थे। ‘कालीचरण’ के रूप में मैंने एक फिल्म में काम किया था। अटलजी के दिनों के दौरान इस तरह के विद्रोह और मजाक करने का वातावरण था, अब ऐसा वातावरण पार्टी में नहीं रहा।”