‘अटल बिहारी आदमी अच्छे लेकिन खराब पार्टी में’ देखें- पूर्व पीएम ने क्या दिया था जवाब
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज (25 दिसंबर) जन्मदिन है। वो 93 साल के हो गए हैं। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। आज सुबह से ही उनके नई दिल्ली के 6-ए, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जाकर उन्हें शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा हुआ है। इस बीच इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी के इंटरव्यू का एक छोटा सा वीडियो क्लिप शेयर कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। रजत शर्मा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “भारतीय राजनीति के जाज्वल्यमान नक्षत्र, प्रखर वक्ता और #AtalBihariVajpayee जननायक अटलजी के जन्मदिन पर उन्हें सादर नमन. दशकों पहले अटलजी ने #AapKiAdalat में मेरे प्रश्नों का किस खूबी से उत्तर दिया था, उसकी एक छोटी-सी मिसाल. ईश्वर उन्हें दीर्घायु और स्वास्थ्य प्रदान करें।”
इस वीडियो में रजत शर्मा ने लेखक और वरिष्ठ पत्रकार खुशवंत सिंह द्वारा लिखे गए एक कॉलम का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने लिखा है, “अटल बिहारी वाजपेयी बहुत अच्छे आदमी हैं, स्टेट्समैन हैं, विदेश नीति के अच्छे जानकार हैं लेकिन एक ही माइनस प्वाइंट है उनमें, वो आदमी अच्छे हैं मगर गलत पार्टी में हैं।” इस पर वाजपेयी जी तो पहले हंसते हैं, फिर कहते हैं, “सरदार खुशवंत सिंह की वो बड़ी इज्जत करते हैं। वो बहुत अच्छा लिखते हैं। उनका लिखा हुआ पढ़ने में बड़ा आनंद आता है। उन्होंने मेरी जो तारीफ की है उसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं लेकिन उनकी इस बात से मैं सहमत नहीं हूं कि मैं आदमी तो अच्छा हूं मगर गलत पार्टी में हूं।”
वाजपेयी जी ने कहा “अगर मैं सचमुच में अच्छा आदमी हूं तो गलत पार्टी में कैसे हो सकता हूं और अगर गलत पार्टी में हूं तो मैं अच्छा आदमी नहीं हो सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर फल अच्छा है तो पेड़ खराब नहीं हो सकता। इसके बाद उन्होंने एक कविता पढ़ी। आओ मन का दीया जलाएं, अंतरतम का अंधकार भगाएं। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने मई 1996 में प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था लेकिन 13 दिन बाद ही उनकी कुर्सी चली गई थी। दूसरी बार उन्होंने मार्च 1998 में पीएम पद की शपथ ली थी लेकिन 13 महीने बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद हुए आम चुनावों में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला और वो तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2004 तक अपनी कार्यकाल पूरा किया था।