अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत पर AIIMS ने जारी किया अपडेट, हालात सामान्‍य

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपी की हालत अब स्थिर है। दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों की एक टीम वाजपेयी की तबीयत पर नजर बनाए हुए है। एम्‍स द्वारा जारी अपडेट के अनुसार, वाजपेयी की विभिन्‍न जांचें कराई जा रही हैं। एम्‍स द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि उन्‍हें डिस्‍चार्ज करने पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। वाजपेयी को सोमवार सुबह डॉक्‍टरों की सलाह पर एम्‍स में भर्ती कराया गया था। डॉ. गुलेरिया एक पल्‍मोनोलॉजिस्‍ट हैं और तीन दशकों से भी ज्‍यादा लंबे समय से वाजपेयी के निजी चिकित्‍सक रहे हैं। वाजयेपी 1998 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे । स्वास्थ्य खराब होने के कारण धीरे धीरे वह सार्वजनिक जीवन से अलग होते चले गए और कई वर्षो से अपने आवास तक ही सीमित हैं।

93 वर्षीय वाजपेयी, भारतीय जनता पार्टी के नेता के तौर पर 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं। पद्म विभूषण से सम्‍मानित वाजपेयी को 2015 में देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान, भारत रत्‍न भी मिल चुका है।

1996 में वाजपेयी भारत के 10वें प्रधानमंत्री बने। हालांकि 13 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई। 1998 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वाजपेयी के नेतृत्‍व में कई राजनैतिक दल एक साथ आए और राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बना। 13 महीने बाद अब AIADMK ने समर्थन वापस लिया तो सरकार फिर गिर गई। हालांकि इससे पहले ही वाजपेयी ने पोखरण में ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण करा अपनी दृढ़ता का परिचय दे दिया था। कारगिल में पाकिस्‍तान से युद्ध भी वाजपेयी के कार्यकाल में ही हुआ।

कारगिल युद्ध के ठीक बाद, 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए 303 सीटें जीतकर सत्‍ता में वापस लौटा। इसी कार्यकाल में वाजपेयी 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बने। 2004 के चुनावों में भाजपा सत्‍ता से बाहर हो गई मगर वाजपेयी लखनऊ से सांसद रहे। गिरती सेहत के चलते उन्‍होंने 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।

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