अतिथि शिक्षकों से जुड़े विधेयक पर उपराज्यपाल ने लगाई रोक
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर टकराव के आसार हैं क्योंकि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के उस विधेयक पर रोक लगा दी है जिसमें सरकारी स्कूलों में काम कर रहे 15 हजार अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक पत्र में उपराज्यपाल ने कहा है कि चूंकि नियुक्तियों का मामला दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, लिहाजा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को स्थाई किए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में पेश करने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। बीते 27 सितंबर को केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे 15 हजार शिक्षकों की सेवाओं को स्थाई करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मंत्रिमंडल के इस निर्णय को विधानसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसी सिलसिले में बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया है, लेकिन इससे ठीक पहले मंगलवार को उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें ‘सर्व शिक्षा अभियान बिल 2017’ को विधानसभा में पेश करने पर पुनर्विचार करना चाहिए।
उपराज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को याद दिलाया है कि विधानसभा में कोई भी विधेयक पेश करने की एक तय प्रक्रिया है। इसके तहत यह जरूरी है कि किसी भी विधेयक को पेश करने से पहले उसको लेकर विधि व न्याय विभाग की राय अवश्य ली जानी चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा है कि यह मामला सर्विसेज विभाग से संबंधित है और केंद्रीय गृह मंत्रालय व दिल्ली हाई कोर्ट भी स्पष्ट कर चुका है कि इस विभाग से संबंधित कोई भी मामला विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।