अधिकारियों के रवैए से भाजपा नेता नाराज

केंद्र, राज्य और निकाय में अपनी सत्ता होने के बावजूद कहीं सुनवाई न होने से भाजपाई हैरान है। उनका आरोप है कि अफसरशाही जनप्रतिनिधियों पर हावी होकर मनमानी कर रही है। इससे व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा हैं। विकास के काम प्रभावित होने के अलावा कानून व्यवस्था में भी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर उमेश गौतम के स्वागत के लिए अर्बन सहकारी बैंक के सभागार में जुटे भाजपाइयों का गुस्सा नौकरशाही पर फूट पड़ा। प्रदेश के पूर्व मंत्री और जिले के भोजीपुरा क्षेत्र से भाजपा विधायक बहोरन लाल मौर्य ने कहा कि अधिकारी बेलगाम हो गए है। विधायकों और जनप्रतिनिधियों की बात पर भी अधिकारी कोई तवज्जों नहीं देते है, तो आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाओं अभियान में अधिकारी मनमानी कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों से गुजरना मुहाल है वहां तो अतिक्रमण नहीं हटाए गए है।

उन्होंने कहा कि राजेंद्र नगर और दूसरे पॉश इलाकों में निगम की जेसीबी धड़ल्ले से चल रही है। हांलाकि इन इलाकों में जाम की कोई समस्या भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त जनप्रतिनिधियों को धमकाने के अंदाज में कहते हैं कि सिफारिश कराने वालों के अतिक्रमण पहले तोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस की लूट अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। थानों में भ्रष्टाचार को बोलबाला है। अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस घटनाओं का खुलासा नहीं कर पा रही है। घटनाओं के फर्जी खुलासे होने से असल अपराधी बेखौफ होकर वारदातें कर रहे हैं।

मीरगंज के विधायक डा. डीसी वर्मा ने भी कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारियों पर अंकुश जरूरी है। शहर क्षेत्र से विधायक डॉ. अरूण कुमार ने कहा कि पिछली सपा सरकार के दौरान अधिकारियों की मनमानी लोग झेलते रहे हैं। उस समय यहां के नगर निगम में भी सपाई महापौर था। अब निगम में भी भाजपा की सत्ता है। अब बदलाव लाने के लिए अफसरों पर अंकुश लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में अनाप-शनाप संपत्तिकर लगाकर लोगों को परेशान किया गया था। अब इसमें भी सुधार होना चाहिए। नवाबगंज के विधायक केसर सिंह ने कहा कि अधिकारियों पर नियंत्रण के बिना बदलाव मुमकिन नहीं है।

केंद्रीय श्रम व रोजगार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि केंद्र से लेकर निकाय तक भाजपा की सत्ता होने की वजह से पार्टी के जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अधिकारियों के बात नहीं सुनने जैसे बहानों से काम नहीं चलेगा। उन्होेंने कहा कि अब परिवर्तन तो जमीन पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि और संगठन के लोग एकजुट होकर काम करेंगे तो बदलाव भी दिखने लगेगा। महापौर उमेश गौतम ने सुझाव दिया कि हर माह सर्किट हाउस में संगठन के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक कराकर इस समस्या का समाधान कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की बात तो सुननी पड़ेगी। उन्होंने सभासदों को भी भरोसा दिया की उनके मान सम्मान को कोई ठेस नहीं लगने दी जाएगी।

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