अधूरे प्रशिक्षण से आए दिन बेपटरी हो रही है मेट्रो
ट्रेनों के रखखाव के काम में आधे-अधूरे प्रशिक्षण, किसी का काम किसी और से कराने की प्रवृत्ति और अफसरों के तानाशाही रवैए के कारण दिल्ली मेट्रो आए दिन बेपटरी हो रही है। गनीमत यह रही है कि सभी घटनाएं परीक्षण परिचालन के दौरान या डिपो में हुर्इं। अगर इस घटनाओं से मेट्रो प्रशासन सबक नहीं लेता है और यात्री सेवा में चलती किसी गाड़ी के पहिए उतरे तो हादसे की भयावहता का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) प्रशासन लगातार दुर्घटना की आशंकाओं को भी खारिज करता रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से देखे तो डीएमएआरसी के दावों की कलई खुलने लगी है। दिल्ली मेट्रो के कालिंदी कुंज डिपो में परीक्षण के दौरान दो गाड़ियों में भिड़ंत हो गई थी। नजफगढ़ डिपो में आए दिन मरम्मत और रखरखाव के दौरान गाड़ियां पटरी से उतर जाती हैं। ऐसा ही हाल दूसरे डिपो का भी है। बीते तीन महानों में मुकुंदपुर शिवविहार लाइन पर परीक्षण के दौरान दो बार मेट्रो पटरी से उतरीं।
एक बार नारायणा से वेंकटेश्वर कॉलेज के बीच तो दूसरी बार मोतीबाग से सत्य निकेतन के बीच गाड़ी बेपटरी हुई। मेट्रो के लगातार बेपटरी होने के कई कारण हैं। गाड़ी को डिपो की पटरी पर लाने से लेकर बाहर तक छोड़ने काम शंटर (शंटिंग मैन) करते हैं। लेकिन शंटर या तो सभी डिपो में हैं नहीं या हैं तो वे इस काम के लिए योग्य नहीं हैं। उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक एक डिपो में भारतीय रेल से सेवानिवृत्त बुजुर्ग को शंटर के पद पर नियुक्त किया गया है। इसके अलावा गाड़ी के शंटिग के बजाय उन्हें दूसरे काम दिए जाते हैं। ऐसे में शंटिंग का काम दूसरे कर्मचारियों से कराया जाता है। इनमें स्टाफ ड्राइवर या कोई अभियंता या अन्य कर्मचारी भी लगा दिया जाता है। इसी तरह छोटे-छोटे मैकेनिक को बड़े कामों में लगा दिया जाता है। कई बार स्वीपर आदि से ही लॉकिंग इंटरलॉकिंग का काम ले लिया जाता है। कई बार सुरक्षागार्ड से ही गाड़ी के प्वाइंट बनाने का काम करने को कह दिया जाता है।
बीते दिनों कालिंदी कुंज डिपो की दो दीवारें तोड़ कर बाहर तक आ गई गाड़ी को भले ही मेट्रो अधिकारी सामान्य मानवीय भूल बता कर पल्ला झाड़ रहे हों लेकिन यह समूची रखरखाव की व्यवस्था में व्याप्त खामियों का नतीजा है। सूत्रों की माने तो कालिंदी कुंज डिपो में मरम्मत के बाद गाड़ी को आरआरएम से खींच कर वाशिंग लाइन पर लाया गया था। जहां गाड़ी को छोड़कर आरआरएम कपलिंग (टेÑन को आरआरएम से जोड़ने का हुक)निकाल कर वापस हो गई। लेकिन वाशिंग लाइन ऊंचाई पर होने की वजह से गाड़ी वापस नीचे ढलान की ओर सरकने लगी। गाड़ी में मौजूद कर्मचारी ने इमरजेंसी ब्रेक लगाने की कोशिश की लेकिन गाड़ी नहीं रूकी और वह आरआरएम को धकेलते दीवारें तोड़ बाहर आ गई। डीएमआरसी के प्रवक्ता का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। शुरुआती जांच के आधार पर चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।