अध्यक्ष की गद्दी के बाद अब राहुल की अगली चुनौती मिशन 2019

अजय पांडेय

कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद राहुल गांधी भारत भ्रमण पर निकलेंगे। नए साल की शुरुआत में शुरू होने वाली उनकी इस यात्रा का मकसद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश भर में पार्टी संगठन को चाक-चौबंद करना और भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की अगुआई में बनने वाले विपक्ष के मोर्चे को शक्ल देना है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को उनके नामांकन के बाद उनका अध्यक्ष चुना जाना अब महज एक औपचारिकता भर है। उनके अध्यक्ष बनने का एलान आगामी 11 दिसंबर को हो जाएगा लेकिन समझा जा रहा है कि चुनाव के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार 19 दिसंबर को ही उनकी औपचारिक ताजपोशी होगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के अनुभवी नेताओं ने राहुल के समक्ष कई प्रस्ताव रखे। अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें क्या करना चाहिए, इसको लेकर बाकायदा खूब मंथन के बाद राहुल को भारत भ्रमण की सलाह पसंद आई। इसीलिए उन्होंने नए साल की शुरुआत से ही अपने देश भर की यात्रा आरंभ करने का मन बनाया है।

यह यात्रा दो चरणों में हा सकती है। इसके तहत राहुल पहले चरण में कश्मीर से कन्याकुमरी तक की यात्रा करेंगे जबकि दूसरे चरण में बंगाल से गुजरात तक की यात्रा करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको ने इस संबंध में पूछने पर कहा कि यह बात सही है कि अलग-अलग नेताओं ने राहुल गांधी के समक्ष अलग-अलग प्रस्ताव रखे हैं। इनमें से एक प्रस्ताव भारत भ्रमण का भी है।

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी न केवल कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं, बल्कि वे कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी होंगे। चूंकि कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को साथ लेकर भाजपा के समक्ष एक मजबूत मोर्चा खड़ा करने की कोशिश करेगी, लिहाजा राहुल अपने भारत भ्रमण के दौरान उन विपक्षी दलों के साथ भी खड़े दिखने का प्रयास करेंगे। इसी क्रम में अगले कुछ महीनों में दिल्ली में कांग्रेस अहम मुद्दों को लेकर एक सम्मेलन भी करेगी जिसमें सहयोगी दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बहाने राहुल को न केवल कांग्रेस का, बल्कि विपक्षी मोर्चे का नेता घोषित करने की कोशिश की जाएगी।

 

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