अपनी ही पार्टी के सरकार से नाराज बीजेपी विधायक ने बना ली अलग पार्टी, बेटे को बनाया अध्यक्ष

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जबरदस्त झटका लगा है। कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे एक विधायक ने अब अपनी अलग राजनीतिक पार्टी ही बना ली है। भाजपा से अंसतुष्ट चल रहे धनश्याम तिवारी ने नए राजनीतिक दल का गठन कर लिया है। राजस्थान में इसी साल चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए पार्टी विधायक की यह नाराजगी भारी पड़ सकती है। वरिष्ठ भाजपाई विधायक घनश्याम तिवारी ने ‘भारत वाहिनी पार्टी’ के नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया। धनश्याम तिवारी ने अपने बेटे अखिलेश तिवारी को अपनी इस नई पार्टी का अध्यक्ष बनाया है। नई पार्टी के गठन के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने कहा कि चुनाव आय़ोग से निर्देश मिले हैं कि एक विज्ञापन जारी कर इस नाम पर आपत्ति मांगी जाए। यदि पार्टी के नाम (भारत वाहिनी पार्टी) पर किसी को आपत्ति होती है तो चुनाव आयोग पहले इसपर सुनवाई करेगा। लेकिन अगर इस नाम पर किसी तरह की आपत्ति नहीं आती है तो चुनाव आयोग इसे राजनीतिक दल की मान्यता दे देगा।

सूत्रों के मुताबिक घनश्याम तिवारी सीधे तौर पर तो इस पार्टी से नहीं जुड़े होंगे लेकिन पार्टी को उनका सपोर्ट मिलता रहेगा। दरअसल चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक किसी राजनीतिक दल का सदस्य जब तक उस पार्टी से इस्तीफा नहीं दे देता, तब तक वह दूसरी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं बन सकता है। भाजपा से नाराज चल रहे तिवारी ने अभी अपना इस्तीफा नहीं दिया है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से घनश्याम तिवारी ने ‘दीनदयाल वाहिनी’ बनाकर प्रदेश भर में कई कार्यक्रम किए।

उन्होंने कई मौकों पर प्रदेश संगठन और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में तिवारी को पार्टी ने अनुशासनहीनता का नोटिस भी दिया है। आपको याद दिला दें कि राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार पर भी घनश्याम तिवारी ने पार्टी के खिलाफ खुलकर बोला था। उस वक्त घनश्याम तिवारी ने कहा था कि लोगों ने राजे सरकार को हटाने के बजाए उसे और केंद्रीय नेतृत्व को दंडित किया है।

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