अफगानिस्तान चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा, मरने वालों की संख्या बढ़ी

काबुल: व्यापक हिंसा और अस्तव्यवस्तता के बीच अफगानिस्तान में मतदान के दूसरे दिन रविवार को सैंकड़ों मतदान केंद्र समस्याओं से घिरे रहे और ऐसे में भरोसेमंद चुनाव नतीजे की आस भी क्षीण हो गयी. वैसे आतंकवादी हमलों के बावजूद मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे. इस युद्ध प्रभावित देश के विभिन्न हिस्सों से एएफपी को मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को चुनावी हिंसा में मरने या घायल होने वाले नागरिकों एवं सुरक्षाकर्मियों की संख्या करीब 300 थी. यह आंकड़ा गृह मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़े के चार गुणा से भी अधिक है. इस बड़ी विसंगति से इन अटकलों को बल मिलता है कि अधिकारियों ने हिंसा को जान बूझकर कम कर पेश किया.

इस हिंसा से चुनाव में पारदर्शिता और विश्वसनीयता के अभाव की चिंता को बल मिला है. चुनाव आयोग के प्रवक्ता अली रजा रोहानी ने संवाददाताओं से कहा कि 253 मतदान केंद्रों पर रविवार को मतदान शुरु होने पर चुनाव कर्मी बायोमिट्रिक सत्यापन मशीनों के उपयोग को लेकर जूझते रहे, मतदाता सूचियां या तो अधूरी थीं या नहीं थी.

उन्होंने कहा, ‘‘कल जो समस्याएं थीं, आज भी वे बनी रहीं. ’’ मतदान के समापन के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को चुनौती दी कि ‘वे दिखाएं कि क्या उनका तरीका सही है या लोकतंत्र का तरीका लोगों को पसंद है. ’ तालिबान ने शनिवार को दावा किया था कि उसने ‘फर्जी चुनाव’ पर 400 से अधिक हमले किये.

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