अब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के खिलाफ कांग्रेसी सांसद फूकेंगे बिगुल, मनमोहन सिंह साइडलाइन!

उप राष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू के खिलाफ असम से आने वाले कांग्रेसी राज्य सभा सांसद उन्हीं से शिकायत करने की योजना बना रहे हैं। इन सांसदों का आरोप है कि सभापति उन्हें सदन में बोलने नहीं देते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब राज्य सभा के सभापति के खिलाफ सदस्य बिगूल फूकेंगे। इस मामले में अजीब बात यह है कि जिनके खिलाफ यह शिकायत होगी, वही इस मामले में फैसला भी करेंगे। फिलहाल असम से कुल सात राज्य सभा सदस्य हैं। इनमें से छह कांग्रेस के सांसद हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी असम से ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं लेकिन उन्होंने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है। यानी पांच सांसद ही सभापति के खिलाफ शिकायती पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे।

हालांकि, अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि गुरुवार (02 अगस्त) को सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ चर्चा करने के बाद पांचों सदस्य इस शिकायत पत्र पर दस्तखत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इन सांसदों ने सभापति पर असम एनआरसी विवाद में पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इन सांसदों का तर्क है कि एनआरसी मुद्दे पर उन्हें बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। शिकायती कांग्रेसी सांसदों का तर्क है कि वो असम के जनप्रतिनिधि हैं और असम से जुड़े इतने बड़े मुद्दे पर उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। बता दें कि 30 जुलाई को जारी एनआरसी ड्राफ्ट में 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है। इसके बाद उन पर नागरिकता की तलवार लटक गई है। हालांकि, यह फाइनल ड्राफ्ट नहीं है लेकिन वोटबैंक के लिहाज से राजनीतिक दलों ने मोर्चा खोल लिया है।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि इससे देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा होगी और खून-खराबा बढ़ेगा। उन्होंने बीजेपी पर वोट बैंक के लिए इसे हवा देने का आरोप लगाया। उधर, राज्यसभा में बुधवार को पलटवार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं है उनमें से अधिकतर घुसपैठिए हैं। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने अमित शाह को बोलने नहीं दिया। विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सभापति ने उन्हें शांत रहने को कहा। साथ ही उन्होंने टिप्पणी की कि सोमवार को विपक्षी सांसदों द्वारा कार्यवाही को बाधित करने की प्रक्रिया स्वीकार नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा था कि कुछ सदस्य जानबूझकर सदन में हंगामा खड़ा करने की कोशिश करते रहते हैं।

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