अब कांग्रेस में भी बहुत आहत हुए नवजोत सिंह सिद्धू, बयान जारी कर खुलेआम जाहिर किया दर्द
भाजपा के बाद अब कांग्रेस में भी नवजोत सिंह सिद्धू खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को अपनी सरकार को ही घेरने की कोशिश की। अमृतसर सहित तीन नगर निगमों के मेयर चुनाव में पार्टी की ओर से उपेक्षित किए जाने पर सिद्धू ने जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि वे स्थानीय निकाय मंत्री हैं बावजूद इसके उनकी उपेक्षा की गई। जिससे वह खुद को आहद महसूस कर रहे हैं। सिद्धू ने अपना दर्द मीडिया के जरिए साझा किया। कहा कि- मैं पंजाब का स्थानीय निकाय मंत्री हूं, फिर भी एक महीने से तीन शहरो अमृतसर, जालंधर और पटियाला के मेयर चुनाव की हर प्रक्रिया से मुझे दूर रखा गया। मुझसे पार्टी ने रायशुमारी करने की भी जरूरत नहीं समझी।
अपनी उपेक्षा से सिद्धू इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में भी आने से इन्कार कर दिया। हालांकि जब उनकी नाराजगी की भनक पार्टी को लगी तो मान-मनोव्वल का दौर चला। जिसके बाद वह पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पंजाब में अपनी ही कांग्रेस सरकार से सिद्धू नाराज हुए हैं। इससे पहले भी वे कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर हमला कर चुके हैं। जब एक केबल ऑपरेटर कंपनी के खिलाफ एक्शन पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रोक लगाया था तो उन्होंने खुलकर विरोध दर्ज किया था।
दो दिन पहले सिद्धू ने कहा था कि उन्हें मेयरों के चुनाव में पार्टी ने बुलाया ही नहीं, बिना बुलाए सिर्फ वह श्री दरबार साहिब जाते हैं।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू भाजपा में सांसद थे। मगर पार्टी में उपेक्षा की बात कहकर पंजाब चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने चुनाव जीता तो पहले उनके उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलें लग रहीं थीं। हालांकि उन्हें स्थानीय निकाय मंत्री का पद ही मिला। कहा जा रहा है कि सरकार में मनमुताबिक विभाग भी न मिलने पर नवजोत सिंह सिद्धू शुरुआत से ही खफा चल रहे हैं। यही वजह है कि जब-तब वे कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर हमला करने से नहीं चूकते।