अब चाहकर भी भाई अनिल की मदद नहीं कर पाएंगे मुकेश अंबानी
भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के संस्थापक मुकेश अंबानी चाहकर भी अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की मदद नहीं कर पाएंगे। वह अनिल की कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) की वायरलेस एसेट्स को 18 हजार करोड़ रुपए में अब नहीं खरीद सकेंगे। ऐसा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के एक आदेश के कारण होगा, जिसमें कहा गया है कि रिलायंस कम्युनिकेशन के खिलाफ दिवालियापन (बैंकरप्सी) की कार्रवाई शुरू कर दी जाए। एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू करने की याचिका को मंजूरी दी है।
आपको बता दें कि आरकॉम को कर्ज से बचाने के लिए मुकेश और अनिल की कंपनियों के बीच में डील होने वाली थी। लेकिन एनसीएलटी के आदेश आने के बाद अब उनके छोटे भाई की सहायता करने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अनिल की कंपनी पर वर्तमान में 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। टेलीकॉम बाजार में अचानक जियो के आने पर कंपनी को तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिली थी, जिसके कारण साल 2017 तक अनिल ने अपनी वायरलेस संपत्तियों को बेचने की योजना बनाई थी।
आरकॉम के खिलाफ बैंकरप्सी की कार्रवाई की खबर के बाद बुधवार (16 मई) को कंपनी के शेयर में 20 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। हालांकि, कारोबार समाप्त होने पर यह गिरावट और कम हुई और आंकड़ा 15.26 प्रतिशत पर आ पहुंचा था।