अब फिल्मों में दिखेंगे लालू पुत्र तेजप्रताप, ‘रूद्रा: द अवतार’ का पोस्टर जारी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को सुर्खियां बटोरने का महारथी माना जाता है। तेज प्रताप नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और वन मंत्री भी रह चुके हैं। तेजप्रताप एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार सुर्खियों में आने का कारण ये है कि तेजप्रताप फिल्मों में काम करने जा रहे हैं। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से तेजप्रताप ने अपनी फिल्म ‘रुद्रा: द अवतार’ का पोस्टर जारी किया है। पोस्टर में चश्मा पहने हुए तेजप्रताप की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। हालांकि अभी तक फिल्म के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है।
बता दें कि तेज प्रताप यादव हमेशा कुछ ऐसा करते हैं जिसकी वजह से कैमरों का फोकस घूमकर उन पर आ जाता है। फिर चाहें वह बांसुरी बजाएं या शंख। गाय दुहें या फिर गायों की सेवा करें, उनका हर अंदाज निराला ही होता है। भगवान श्री कृष्ण की पोशाक पहनकर बांसुरी बजाने पर तेज प्रताप ने कहा था कि भगवान श्री कृष्ण हमारे पूर्वज हैं और वृंदावन के एक कृष्णभक्त ने उनके लिए यह पोशाक भेजी थी। वैसे बता दें कि इससे पहले भी तेजप्रताप एक भोजपुरी फिल्म में काम कर चुके हैं। इस फिल्म में उन्होंने मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई थी।
तेजप्रताप ने हाल ही में बिहार बड़े राजनीतिक घराने की बेटी ऐश्वर्या राय से शादी की है। इस शादी की भी खूब चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में हुई थी। तेजप्रताप की महत्वाकांक्षाएं कई बार उनके ट्वीट से बखूबी दिखती हैं। कुछ दिनों पहले ही तेजप्रताप ने अपने भाई और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मनमुटाव की खबरों को सिरे से नकार दिया था।
खुद को कृष्ण और भाई को अर्जुन बताकर उन्हें भाई की कार को ड्राइव करते हुए भी देखा गया था। उस वक्त तेजप्रताप ने ट्वीट किया था,”मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं.. .. राधे राधे..” हालांकि तेजप्रताप कई बार कुछ ऐसा भी कर गुजरते हैं जो सुर्खियों में अपने आप आ जाता है।
जब लालूप्रसाद यादव ने पटना में सरकार के विरुद्ध रैली का आयोजन किया था। उस वक्त तेजप्रताप रैली में मंच से शंख फूंकते नजर आए थे। रैली के दो दिन बाद जब उनके परिवार के भ्रष्टाचार की जांच कर रही एजेंसियों ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया तो उन्होंने कहा था कि रैली में शंख फूंकने के कारण उनका गला खराब है और वह बात नहीं कर सकेंगे। हाल ही में उन्होंने सरकारी जमीन पर मंदिर का भी निर्माण करवा दिया था। जिस पर पूरी नीतीश सरकार ने चुप्पी साध ली थी।