अब लोकल ट्रेन का टिकट भी फोन से कर सकेंगे बुक, जानें क्या है तरीका

लोकल ट्रेन का टिकट लेने के लिए अभी स्टेशन पर लाइन में लगना पड़ता है, लेकिन जल्द ही इससे आजादी मिलने वाली है। इसके लिए रेलवे एक सर्विस शुरू करने वाली है। इस सर्विस के बाद लोकल ट्रेन का टिकट अपने मोबाइल से बुक कर पाएंगे। इसके बाद वह स्टेशन पर जाकर इसका प्रिंटआउट ले सकेंगे। यह सर्विस देश में दूसरी जगहों पर भी शुरू की जाएगी। इसकी शुरुआत मुंबई से की जाएगी।

क्या है तरीका
इसके लिए अपने स्मार्टफोन में UTS मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद UTS एप्लीकेशन से टिकट बुक करना होगा। टिकट बुक करने के बाद एक क्यूआर कोड मिल जाएगा। इसके बाद स्टेशन पर पहुंचकर इसका प्रिंटआउट लेना होगा। प्रिंट आउट के लिए रेलवे स्टेशनों पर ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) मशीन लगाई जाएंगी। जब इस मशीन पर जाकर आप कोड को स्कैन करेंगे तो मशीन से टिकट का प्रिंटआउट निकल आएगा।

आपको बता दें कि इससे पहले भी लोकल ट्रेन का टिकट लेने की एक सर्विस थी। इस सर्विस में मोबाइल से टिकट बुक करने के बाद, एक कोड मिलता था। कोड को जाकर स्टेशन पर लगी ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन में डालना पड़ता था। इसके बाद टिकट का प्रिंटआउट निकलकर आता था, लेकिन यह मोबाइल टिकटिंग सर्विस सफल नहीं रही इसलिए इस सर्विस को बंद कर दिया गया।

कहां लगाई जाएंगी मशीन
इस सर्विस को सबसे पहले मुंबई में शुरू किया जा रहा है। कोड को स्कैन करके प्रिंटआउट देने वाली OCR मशीनें सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन, घाटोकपुर, ठाणे, डोंबिवली, कल्याण, चर्चगेट, दादर, बांद्रा, अंधेरी और बोरीवली पर लगाई जाएंगी। अभी यह मशीनें केवल ट्रायल के लिए लगाई जा रही हैं, अगर यह सर्विस सफल हो जाती है तो दूसरे स्टेशनों पर भी ऐसी मशीनें लगाई जाएंगी।

वहीं इसकी सफलता के बाद दूसरे फेस में मोबाइल टिकिटिंग में सुधार किया जाएगा। अभी सिर्फ स्मार्टफोन से ही टिकट बुक की जा सकती है लेकिन बाद में किसी भी फोन से टिकट बुक की जा सकेगी। आने वाले समय में लोकल ट्रेन का टिकट USSD कोड से भी बुक किया जा सकेगा। सेंटर फॉर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम मुंबई के जनरल मैनेजर उदय बोभेट ने कहा कि, “अभी मशीनों को ट्रायल के तौर पर लगाया जा रहा है। अब इन मशीनों में कोई कोड नहीं डालना पड़ेगा। यह अपने आप कोड को स्कैन करने के बाद टिकट का प्रिंटआउट दे देंगी। मशीनों का ट्रायल पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें दूसरे स्टेशनों पर भी इंस्टॉल किया जाएगा।”

 

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