अब सिसोदिया ने बोला उपराज्यपाल पर हमला
राजनिवास और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। सरकार में तैनात आला नौकरशाहों द्वारा स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति संबंधी फाइल सीधे राजनिवास भेज दिए जाने से नाराज मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र भेजकर अपनी नाराजगी जताई थी। अब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैजल को पत्र लिख कर पूछा है जब दिल्ली सरकार के पास पहले से ही वकीलों की फौज मौजूद है तो फिर नए सिरे से स्टैंडिंग काउंसिल और एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल की नियुक्ति की सूचना क्यों जारी की गई है।
सिसोदिया ने सोमवार को उपराज्यपाल को भेजे पत्र में यह भी पूछा कि सर्विसेज (सेवाएं) विभाग का मंत्री होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति की प्रक्रिया वाली फाइल क्यों नहीं दिखाई गई। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब उन्होंने संबंधित अधिकारी से फाइल दिखाने को कहा तो उन्हें बताया गया कि उपराज्यपाल ने किसी को भी फाइल दिखाने से मना कर रखा है। सिसोदिया ने उपराज्यपाल से पूछा कि आखिर उन्होंने अधिकारियों को ऐसा आदेश क्यों जारी किया है। उन्होंने उपराज्यपाल से नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने और संबंधित फाइल को उनके पास भेजने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि जब सरकार के विधि विभाग ने नए स्टैंडिंग काउंसिलों की नियुक्ति के विपरीत राय दी, इसके बावजूद आखिर किस दबाव में नए सिरे से नियुक्तियां की जा रही हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रविवार को बुराड़ी में एक जनसभा में कहा था कि उपराज्यपाल के इशारे पर नौकरशाह फाइलें उनको नहीं दिखा रहे।
जानकारों का कहना है कि पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के जमाने में यह लड़ाई चरम पर पहुंच गई थी। हालांकि अनिल बैजल के आने के बाद दोनों पक्ष कुछ नरम पड़ गए थे, लेकिन अब यह लड़ाई फिर से तेज हो गई है। यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार में तैनात अफसर यह मानकर चलते हैं कि उनके बॉस उपराज्यपाल हैं, लिहाजा वे तमाम महत्त्वपूर्ण फाइलें सीधे उनको भेजते हैं। यह बात मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों को नागवार गुजरती है। यही वजह है कि अब दोनों पक्ष एक बार फिर से अपनी ताकत आजमा रहे हैं।