अब हरियाणा कांग्रेस में खटपट- दो विधायकों ने सरे आम कहा, हाईकमान नहीं सुनती हमारी बात
हरियाणा कांग्रेस में नई खटपट देखने को मिल रही है। मगंलवार (23 अगस्त) को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले दो विधायकों ने पार्टी हाईकमान से अपनी नाराजगी जाहिर की। विधायकों ने जनता के बीच अपनी नाराजगी जाहिर की। विधायकों की मांग है कि राज्य में कांग्रेस प्रमुख अशोक तनवर को बदला जाए। विधायक कुलदीप शर्मा और करन दलाल ने कहा कि हाई कमान उनकी बात नहीं सुन रही है और मौजूदा नेतृत्व के अधीन कोई भी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। विधायकों का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही पीएम नरेंद्र मोदी और हुड्डा की संसद में हुई मुलाकात को लेकर दोनों के बीच करीबी बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
इसके अलावा हाल ही में हरियाणा कांग्रेस विधायक जय तीरथ दहिया का बयान भी काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने कहा था कि हुड्डा और मोदी की मुलाकात का राजनीतिक महत्व है और यह एक नए राजनीतिक समीकरण को जन्म दे सकती है। हालांकि हुड्डा ने इस बात से इंकार कर दिया है कि उनका पीएम मोदी से मिलने का कोई मौका है और इसमें कोई राजनीतिक एंगल नहीं है। हुड्डा के करीबियों के मुताबिक, बीते मॉनसून सत्र के आखिरी दिन संसद के सेंट्रल हॉल में जब पीएम मोदी ने हुड्डा को देखा तो वह(पीएम) उनके पास बातचीत करने पहुंच गए थे।
कुलदीप शर्मा ने कहा, “हुड्डा 10 साल राज्य के सीएम, 4 बार सांसद और दो बार राज्य कांग्रेस प्रमुख रह चुके हैं। इसलिए पीएम मोदी उनका महत्व जानते हैं और उनसे बातचीत करने गए। हालांकि वह(हुड्डा) कभी भी बीजेपी में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उनके परिवार कई पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी रही हैं। वह बीजेपी जैसी साम्प्रदायिक पार्टी में कभी नहीं जाएंगे।” वहीं हाई कमान से विवादों को लेकर शर्मा ने कहा, “हरियाणा कांग्रेस जैसे चल रही है ऐसी स्थिति में पार्टी कुछ हासिल नहीं कर पाएगी। हम बतौर एक कांग्रेसी ही मरना पसंद करेंगे लेकिन अभी सर्जरी की जरूरत है। पार्टी में कहां सर्जरी की जरूरत है यह राष्ट्रीय नेतृत्व को तय करना है।” वहीं चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर करन दलाल ने कहा, “सिर्फ हम लोग नहीं बल्कि हरियाणा में कोई भी मौजूदा नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ना चाहता। ऐसे हालात में कोई नहीं लड़ेगा।”