अमित शाह के बेटे पर कांग्रेस ने जड़ा भ्रष्टाचार का आरोप, बचाव में भाजपा बोली- मुकदमा करेंगे

कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी की संपत्ति में 16 हजार गुना की वृद्धि पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या ताजा तथ्यों के आलोक में सीबीआइ, ईडी और केंद्र सरकार की तमाम एजंसियां जय शाह के खिलाफ उसी तरह कार्रवाई करेंगी जिस तरह वे विपक्ष के तमाम नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। पार्टी ने यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस मामले में जवाब देना चाहिए। उधर भाजपा ने कहा कि जय 100 करोड़ रुपए का दीवानी और आपराधिक मुकदमा दाखिल करने वाले हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नोटबंदी से न तो किसी किसान को फायदा हुआ, न व्यापारी और न आम आदमी को। इससे सिर्फ अमित शाह को फायदा हुआ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की एक कंपनी है टैंपल एंटरप्राइज लिमिटेड, जय शाह इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। वर्ष 2004 में बनाई गई यह कंपनी वर्ष 2014 तक तो घाटे में थी लेकिन वित्त वर्ष 2014-15 के आते-आते यह मुनाफे में आ गई। उस समय इसकी कुल संपत्ति थी 50 हजार रुपए लेकिन यह संपत्ति 2015-16 में बढ़कर सीधे 80 करोड़ रुपए पहुंच गई। इस कंपनी को 15.78 करोड़ रुपए का लोन भी मिल गया और फिर अक्तूबर 2016 में यह कह कर इस कंपनी को बंद कर दिया गया कि यह घाटे में आ गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे जय शाह की इस कंपनी संपत्ति में एक साल के भीतर 16 हज़ार गुना का इजाफा हो गया।

सिब्बल ने कहा कि अमित शाह के बेटे जय शाह की संपत्ति में यह बढ़ोतरी केवल एक ही कंपनी में नहीं हुई। वह कुसुम फिनसर्व एलएलपी नामक कंपनी में भी 60 फीसद के भागीदार हैं और उस कंपनी को लगभग 46 करोड़ रुपए की राशि तीन अलग-अलग लोन के तौर पर मिली। केआइएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज से 2.6 करोड़ रुपए का कर्ज, कालूपुर कमर्शियल सहकारी बैंक से 25 करोड़ रुपए का कर्जऔर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजंसी (आइआरईडीए) से 10.35 करोड़ रुपए का ऋण मिला। कांग्रेस नेता ने कहा कि पीयूष गोयल तब ऊर्जा मंत्री थे, उसी वक्त यह कर्ज कंपनी को गैर परंपरागज ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया गया और इस हकीकत के बावजूद दिया गया कि इस कंपनी को ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। यह कंपनी तो शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात तो यह है कि 25 करोड़ रुपए का लोन कालूपुर वाणिज्यिक सहकारी बैंक ने सात करोड़ रुपए से भी कम की संपत्तियों के गिरवी रखने पर ही दे दिया यानि सिक्योरिटी का कई गुना ज्यादा ऋण बैंक ने किस आधार पर दिया। गिरवी रखी संपत्तियों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पांच करोड़ की संपत्ति और यशपाल चुडास्मा की 1.2 करोड़ रुपए की दूसरी संपत्ति शामिल है। कांग्रेस नेता ने पूछा कि आज सीबीआइ और ईडी कहां है। देश के प्रधान सेवक कहां हैं। सिब्बल ने कहा कि 10 करोड़ का भी मामला नहीं होगा हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का लेकिन उनके पीछे सीबीआइ सहित तमाम एजेंसियां लगी हुई हैं, केस पर केस लादे जा रहे हैं लेकिन यहां पर कोई बताने वाला नहीं है कि भाजपा अध्यक्ष के बेटे की कंपनी के इस मामले में कौन सी कार्रवाई होने जा रही है। लिहाजा अब खुद प्रधानमंत्री बताएं कि क्या वे इस मामले की भी जांच कराएंगे।

उधर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा को ‘पूरा यकीन’ है कि जय ने कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के विवादित जमीन करारों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति धींगरा आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित करने का विरोध करने को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। गोयल ने जय शाह का एक बयान भी जारी किया। उन्होंने कहा कि जय के वकील ने रिपोर्ट की लेखिका को अपने सभी वैध लेन-देनों का पूरा ब्योरा दिया था और लेखिका की ओर से पूछे गए सभी सवालों के जवाब विस्तृत रूप में दिए थे, क्योंकि जय के पास ‘छुपाने के लिए कुछ था ही नहीं।’जय ने कहा, ‘चूंकि वेबसाइट ने अत्यंत प्रेरित आलेख में पूरी तरह गलत आरोप लगाए हैं, जिससे मेरी छवि को नुकसान हुआ है, इसलिए मैंने उक्त न्यूज वेबसाइट के संपादक, मालिक और रिपोर्ट की लेखिका पर 100 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा ठोंकने का फैसला किया है। दोनों मुकदमे अमदाबाद में दायर किए जाएंगे जहां मैं रहता हूं, अपना कारोबार करता हूं और जहां यह पूरा मामला हुआ है।’ बयान में यह भी कहा गया, ‘यदि कोई और आलेख में लगाए गए आरोपों को फिर से प्रकाशित या प्रसारित करता है तो ऐसे व्यक्ति या संस्था के खिलाफ भी इसी तरह का दीवानी और आपराधिक मानहानि केस किया जाएगा।’ गोयल ने कहा कि भाजपा के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और इसलिए इस मामले में अदालत का रुख किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और पारदर्शिता की परंपरा रही है। इस खबर और आरोप को प्रकाशित करने का असल मकसद अमित शाह को बदनाम करना है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘मोदी के शासन में भ्रष्टाचार के सिलसिले से जुड़ा नया मामला। बिरला-सहारा डायरी, जीएसपीसीएल, व्यापमं, ललित मोदी, चावल और खनन घोटाला। प्रधानमंत्री चुप क्यों है?’ येचुरी ने कहा, ‘जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा। भाकपा नेता डी राजा ने ‘अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय एसआइटी जांच’ की मांग की। आम आदमी पार्टी ने आरोपों की जांच की मांग की और कहा कि आपराधिक जांच शुरू होनी चाहिए।

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