अमेरिका का ऐलान- भारत में कट्टरता कम करने वाले एनजीओ को हम देंगे पैसा, 324 करोड़ का बजट मंजूर

अमेरिका सरकार भारत में “सामाजिक सहिष्णुता बढ़ाने” के लिए भारत में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को पांच लाख डॉलर (करीब 324 करोड़ रुपये) देने की घोषणा की है। अमेरिका के गृह मंत्रालय ने गुरुवार (नौ नवंबर) ये घोषणा की। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि ये पैसा उन एनजीओ को दिया जाएगा जो धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले विचार और योजनाएं पेश करेंगे। अमेरिका के गृह मंत्रालय के तहत आने वाले लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम विभाग ने कहा है कि वो “भारत में धार्मिक विचारधारा से प्रेरित हिंसा” को कम करने के लिए ये कदम उठा रहा है। अमेरिकी विभाग ने 4,93,827 डॉलर की आर्थिक मदद देने की बात कही है।

अमेरिकी विभाग ने कहा है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक सहिष्णुता बढ़ाने और नागरिक अधिकारों को बेहतर बनाना है। इसके अलावा इसका मकसद धर्म प्रेरित हिंसा और भेदभाव में कमी लाना भी है। अमेरिकी विभाग ने कहा है, “…ये पैसा इन मकसद को पूरा करने में मदद करेगा।” अमेरिका ने ये पैसा अपने विदेशी सहायता कोष से दिया है। अमेरिका विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि इन कार्यक्रमों को लागू करने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। हालांकि जिन लोगों का प्रस्ताव आर्थिक मदद के लिए स्वीकार किया जाएगा उनकी सूची सार्वजनिक की जाएगी।

अमेरिकी विभाग ने इस कोष के तहत आर्थिक मदद पाने के इच्छुक संगठनों को व्यापक स्तर पर होने वाली हिंसा या अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदायक के बीच सांप्रदायिक टकराव के प्रति समय रहते आगाह करने से जुड़ा विचार भी पेश करने के लिए कहा है। अधिसूचना के अनुसार आवदेनकर्ताओं को ऐसा कार्यक्रम भी विकसित करना होगा जिससे सभी तरह के मीडिया माध्यमों का इस्तेमाल करके नफरत या भेदभाव फैलाने वाले संदेशों की निष्प्रभावी बनाया जा सके।

अमेरिकी गृह मंत्रालय ने भारतीय युवाओं में नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता के आयोजन की भी घोषणा की। मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना के अनुसार इस प्रतियोगिता में सफल होने वाले कम से कम एक आवेदनकर्ता को करीब 6.50 लाख डॉलर (करीब 42 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद दी जाएगी।

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