अमेरिका, ब्रिटेन की तर्ज पर कांग्रेस में बदलाव ला रहे राहुल गांधी, बनाई है बड़ी रिसर्च टीम

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्‍यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस में व्‍यापक पैमाने पर बदलाव लाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए सबसे पहले पार्टी की रिसर्च टीम और सोशल मीडिया यूनिट को और मजबूत करने का फैसला किया गया है। खासकर रिसर्च टीम को ब्रिटेन की लेबर और अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी की तर्ज पर तैयार करने की योजना है। इसका उद्देश्‍य पार्टी के अंदर एक मजबूत ‘थिंक टैंक’ बनाना है, ताकि पार्टी को तथ्‍यों के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर न रहना पड़े। केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा पहले से ही अपनी मीडिया टीम को मजबूत कर चुकी है। मालूम हो कि इस साल कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान समेत आठ राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा 2019 में लोकसभा का चुनाव होगा।

कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि राहुल गांधी रिसर्च टीम को और दुरुस्‍त करने के लिए पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया टीम को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि मीडिया में पार्टी को लेकर बेहतर छवि बनाई जा सके। सूत्रों ने बताया कि रिसर्च टीम के लिए जर्मनी और जापान के राजनीतिक दलों के मॉडल का भी अध्‍ययन किया गया है। कांग्रेस की रिसर्च टीम के मौजूदा प्रमुख और राज्‍यसभा सदस्‍य राजीव गौड़ा फिलहाल 15 युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस टीम को अप्रैल तक देश के प्रत्‍येक राज्‍य में रिसर्च डिपार्टमेंट गठित करने का निर्देश दिया गया है। मालूम हो कि सांसदों की मदद करने के लिए जुलाई, 2017 में रिसर्च टीम का विस्‍तार किया गया था। टीम में 12 पूर्णकालिक सदस्‍य हैं, जबकि तीन इंटर्न भी हैं। पंद्रह लोगों की इस टीम के लिए गुजरात चुनाव पहली बड़ी चुनौती थी। फिलहाल ये लोग त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस की रिसर्च टीम पंजाब सरकार के संपर्क में है, ताकि पहले साल के मौके पर उपलब्धियों को बेहतर तरीके से पेश किया जा सके।

अब इस रिसर्च टीम का विस्‍तार राज्‍यों तक करने की योजना है। जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना और मध्‍य प्रदेश कांग्रेस ने रिसर्च टीम से संपर्क साध कर राज्‍य में यूनिट खोलने की मांग की है। बताया जाता है कि तेलंगाना कांग्रेस की सात सदस्‍यीय टीम अनुभव लेने के लिए गुजरात चुनाव के वक्‍त केंद्रीय टीम के साथ थी। सूत्रों का कहना है कि विभिन्‍न राज्‍यों के विधायकों को भी संबंधित राज्‍य की रिसर्च टीम सहयोग देगी। राज्‍यों द्वारा इसके प्रति रुचि दिखाने के बाद यह फैसला लिया गया है।

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