अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर ईरान ने भारत से समर्थन मांगा

ईरान के विदेश मंत्री डॉ मोहम्मद जवाद जरीफ ने सोमवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात की। एक दिवसीय दौरे पर भारत आए डॉ जरीफ और सुषमा स्वराज में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि भारत और ईरान के बीच बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। हम संबंधों में बेहतरी जारी रखेंगे। अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु समझौते से पीछे हटने और आर्थिक प्रतिबंध लगाने के ऐलान के बाद ईरानी के किसी वरिष्ठ मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। सुषमा स्वराज और डॉ जरीफ के बीच चाबहार बंदरगाह की परियोजना और योजनाओं को लेकर भी बातचीत हुई है।

अपनी मुलाकात में उन्होंने परमाणु करार के मुद्दे पर भारत से समर्थन मांगा है। सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे को कूटनीतिक माध्यमों के जरिए बातचीत से सुलझाने पर जोर दिया है। डॉ जरीफ की यह एक दिवसीय यात्रा 2015 के ओबामा कार्यकाल के परमाणु करार से अमेरिका के हटने के बाद महत्त्वपूर्ण वैश्विक शक्तियों से संपर्क साधने की ईरान की कोशिश के तहत हो रही है। इस करार पर ईरान, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, फ्रांस और चीन ने दस्तखत किए थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कार्यकाल के दौरान करार के तहत ईरान ने बड़े आर्थिक प्रतिबंध हटाने के बदलने अपनी संवेदनशील परमाणु गतिविधियां रोकने के लिए हामी भर दी थी।

आठ मई को अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करार से पीछे हटने और आर्थिक प्रतिबंध लगाने का एलान किया। ईरानी विदेश मंत्री ने पिछले तीन हफ्ते में चीन, रूस और कई यूरोपीय देशों की यात्रा की है। अगले महीने ईरान के राष्ट्रपति अपने चीनी और रूसी समकक्षों से मुलाकात करने के लिए दौरे करेंगे। चीन के चिंगदाओ में 9-10 जून को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से मुलाकात करेंगे। वहां उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी होनी है।

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