अमेरिकी सांसद ने की पाकिस्तान की खिंचाई, मानवाधिकार उल्लंघन और जबरन धर्मांतरण पर मांगा जवाब
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और जबरन धर्मांतरण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार या सेना के तत्व अपने विरोधियों को गायब करने के लिए इसे एक मौके के पर तौर पर देखते हैं। कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शर्मन ने कहा है कि पिछले एक वर्ष में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट वॉच और खुद विदेश विभाग की मानवाधिकार पर रिपोर्ट में पाकिस्तान में, खासतौर पर सिंध में न्यायेत्तर और लक्षित हत्याओं तथा लोगों के लापता होने पर चिंता जाहिर की गई है।
शर्मन ने बृहस्पतिवार को प्रतिनिधिसभा में कहा कि इस तरह से मानवाधिकारों के उल्लंघन को अनुत्तरित नहीं जाने दिया जा सकता। कार्यकर्ता संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए। यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस पर बोलें और जवाबदेही की मांग करें। एशिया एवं प्रशांत उपसमिति के रैंकिंग सदस्य होने के साथ साथ शर्मन सिंध कॉकस के संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के इस तरह से लापता होने और मानवाधिकारों के अन्य उल्लंघन का विषय अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सभी द्विपक्षीय बातचीतों में प्रमुख होना चाहिए।
शर्मन का यह बयान अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैट्टिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की इस्लामाबाद की यात्रा से पहले आया है। उनकी ये यात्राएं आने वाले हफ्तों में होनी हैं। उल्लेखनीय है कि इसके उलट पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन को लेकर 17 सितंबर को भारत की आलोचना की थी और धमकी दी थी कि अगर वह बलूचिस्तान के बारे में बात करना जारी रखेगा तो पाकिस्तान वहां की मानवाधिकार की निराशाजनक स्थिति का दुनिया भर में पर्दाफाश करेगा।
पाकिस्तान ने कहा था कि बलूचिस्तान पर अचानक भारत का ध्यान जाना कश्मीर में कथित दमन से ध्यान हटाने की कोशिश है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू कश्मीर पर भारत के अस्थिर रुख तथा बलूचिस्तान में उसके लगातार हस्तक्षेप की खिंचाई की थी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा था कि अपने तीखे जवाब में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के अपने अवैध कब्जे से इंकार करने के प्रयास को इतिहास का मखौल बताया था। ऐसे में अमेरिकी सांसद की मानवाधिकार को लेकर की गई पाकिस्तान की आलोचलना दिखाती है कि अभी उसे अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है।