अरविंद केजरीवाल का दशहरा गिफ्ट: दिल्‍ली के 15,000 गेस्‍ट टीचर्स होंगे परमानेंट

दिल्ली मंत्रिमंडल ने बुधवार को 15,000 अतिथि स्कूल शिक्षकों को स्थायी करने की अनुमति देने से संबंधित एक विधेयक को मंजूरी दे दी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधेयक चार अक्टूबर को होने वाले विशेष सत्र के दौरान पारित किया जाएगा। सिसोदिया के अनुसार, इससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कुल 17,000 अतिथि शिक्षकों में से 15,000 को लाभ मिलेगा। हालांकि, मानदंडों को पूरा न करने वाले शेष 2,000 शिक्षक अतिथि शिक्षकों के रूप में ही काम करते रहेंगे। दिल्ली में 15,000 अतिथि शिक्षक स्थायी होंगे। प्रेस वार्ता में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली में 50 हजार गेस्ट टीचर्स थे, जिनमें से 17 हजार ने सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलटी टेस्ट (CTET) पास किया था। 17 हजार में से जिन शिक्षकों ने सभी मानदंडों को पूरा किया उन्हें परमानेंट कर दिया गया है।”

उन्होंने बताया कि बाकी के 35 हजार शिक्षक भी रोटेशन बेसिस पर काम करते रहेंगे। बता दें बुधवार को दिल्ली कैबिनेट ने अपनी बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दे दी। 4 अक्टूबर को विधानसभा में इसे पारित कराया जाएगा। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा- “इस फैसले को रोकने की काफी कोशिशें की गईं लेकिन फैसला अब ले लिया गया है। दिल्ली की शिक्षा नीतियों की हर जगह तारीफ हो रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार 9000 अतिरिक्त शिक्षकों की भी नियुक्ति करने जा रही है। सरकार ने बताया कि उसकी पहली कोशिश हर साल गेस्ट शिक्षकों को बदलने की परंपरा को रोकने की है।

 

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