अविश्वास प्रस्ताव: खड़गे पर चुटकी- इसी परिवार की वजह से आप कर्नाटक CM का चेहरा नहीं बन सके

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद राकेश सिंह कांग्रेस पर जमकर हमले कर रहे हैं। जब उनके भाषण के बीच में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने टोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि वे बैचेन क्यों हो रहे हैं।  राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस के ही एक परिवार की वजह से वे कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम कैंडिडेट का चेहरा नहीं बन सके। बीजेपी सांसद ने कहा कि केन्द्र में इतनी भारी बहुमत से बनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना दिखाता है कि कांग्रेस को अभी भी देश में एक ही परिवार से बनी सरकार के अलावा कोई भी दूसरी सरकार स्वीकार नहीं है।

राकेश सिंह ने कहा कि जब वे टीडीपी के जैदेव गल्ला को सुन रहे थे तो उन्हें लगा कि इस अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नही हैं। उन्होंने कहा कि टीडीपी ने जिन बातों का जिक्र किया है उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी, और आज वो कांग्रेस के साथ खड़े होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रहे थे। राकेश सिंह ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि हम कैसे भूल सकते हैं कि अभी अभी कर्नाटक के सीएम ने कहा है कि वे जहर का घूंट पी रहे हैं। राकेश सिंह ने कहा कि वे नाम लेकर तो नहीं कहना चाहेंगे कि लेकिन इतना जरूर है कि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कांग्रेस के पक्ष में खड़े-खड़े किन किन दलों को ये जहर का घूंट पीना पड़ सकता है।

राकेश सिंह ने कहा कि आजादी के बाद 70 सालों में से 48 सालों तक देश में कांग्रेस के एक ही परिवार का शासन रहा है। राकेश सिंह ने आंकड़ा देते हुए कहा कि नेहरू जी ने देश पर 17 साल तक शासन किया, इंदिरा जी ने 16 साल, राजीव जी ने 5 साल और मनमोहन सिंह ने 10 साल तक, जिसका क्रेडिट वे सोनिया गांधी को ही देना चाहते हैं, शासन किया। राकेश सिंह के इस बयान पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई और कहा कि देश में बीच में दूसरे प्रधानमंत्री भी हुए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान पर राकेश सिंह बोले, “अध्यक्ष महोदया खड़गे जी इतना बैचेन क्यों हो रहे हैं मुझे पता नहीं…आप इतना बैचेन क्यों हो रहे हैं, इसी परिवार के कारण कर्नाटक में आप मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बन पाए।” राकेश सिंह के इस बयान का सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया। वहीं कांग्रेस ने राकेश सिंह के बयान का विरोध किया।

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