असम जा रहे तृणमूल नेता हिरासत में, डेरेक ओ ब्रायन बोले- सुपर इमरजेंसी है ये
Assam NRC: असम जा रहे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रतिनिधिमंडल को गुरुवार (दो अगस्त) को सिलचर एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। आरोप है कि छह टीएमसी नेताओं और दो विधायकों के साथ उस दौरान असम पुलिस ने बदसलूकी की। टीएमसी का यह आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्य में आयोजित एक सम्मलेन में हिस्सा लेने जा रहा था, जो कि एनआरसी के विरोध में हुआ था। टीएमसी सांसद डेरक ओ ब्रायन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मामले की जानकारी देते हुए इसे सुरर इमरजेंसी वाली स्थिति करार दिया है।
सांसदों ने बताया, प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदू शेखर रे, काकोली घोष दस्तीदार, रत्ना दे नाग, नदीमुल हक, अर्पिता घोष, ममता बाला ठाकुर, फिरहद हकीम और महुआ मोइत्रा शामिल थीं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए ये लोग दोपहर को एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
टीएमसी से राज्यसभा के सांसद सुखेंदू शेखर रे ने आरोप लगाया, “वे जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचे, तो वहां पर जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों की एक टीम मौजूद थी। अचानक मेरे सीने पर एक पुलिसकर्मी ने हमला किया। बाद में पुलिस वालों ने काकोली, ममता और महुआ से भी बदसलूकी की।”
घटना के दौरान उन्होंने बताया था, “हम यहां तब तक बैठे रहेंगे, जब तक वे (पुलिस वाले) हमें जाने नहीं देंगे।” टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल इस दौरान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से आगे उठाए जाने वाले कदम का इंतजार कर रहा था।
वहीं, लोकसभा से सांसद काकोली घोष दस्तीदार बोलीं, “यहां सैकड़ों पुलिस वाले थे, जिन्होंने हमें एयरपोर्ट पर रोक रखा था। वे हमारी तस्वीरें खींच रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि वे किस आधार पर ऐसा कर रहे हैं, तो उन्होंने हमारे फोन छीन लिए। यहां तक कि उन्होंने महुआ और ममता से बदसलूकी भी की। सुखेदू के साथ भी धक्का-मुक्की की गई थी।”
मामले की जानकारी पर पार्टी से सांसद ब्रायन ने इस बाबत नरेंद्र मोदी की सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह सुपर इमरजेंसी है। प्रतिनिधिमंडल वहां पर कानून नहीं तोड़ने गया था। वे लॉमेकर हैं, न कि लॉब्रेकर। प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक महिला विधायक को उस दौरान चोटें आई हैं, जबकि एक सांसद दिल के मरीज हैं। उन्हें पेसमेकर लगा है। लेकिन घटना के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की की गई।”