असम में घुसपैठियों से जुड़ा वीडियो आया सामने, देखिए कैसे भारत में घुसते हैं बांग्लादेशी
असम में एनआरसी ड्राफ्ट जारी होने के बाद सड़क से लेकर संसद तक हलचल मची हुई है। इसमें 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं हैं। उनकी नागरिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है, यह फाइनल लिस्ट नहीं है। अभी इसमें और सुधार किया जाएगा। वहीं, इस मसले पर ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार बांटों और राज करो की नीति अपना रही है। इससे देश में गृह युद्ध छिड़ जाएगा। लेकिन इन सब के बीच बड़ी बात यह है कि आखिर एनआरसी ड्राफ्ट की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल असम राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या काफी समय से है। यह यहां की बड़ी समस्या बन गई है। पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज से करीब 13 साल पहले 4 अगस्त 2005 को लोकसभा में कहा था कि, “बंगाल में घुसपैठ अब आपदा हो गई है। मेरे पास बांग्लादेशी और भारतीय मतदाता सूची, दोनों हैं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। मैं जानना चाहती हूं कि सदन में इस पर कब चर्चा की जाएगी।” आज हम आपको बता रहे हैं कि असम में किस तरह से घुसपैठ हो रहा है। घुसपैठ से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है, जिसमें यह साफ दिख रहा है कि बांग्लादेशी भारत में किस तरह से घुस रहे हैं।
इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 मिनट के इस वीडियो में यह दिखाया गया है कि असम से सटे भारत-बांग्लादेश बार्डर पर वह कौन-कौन से इलाके हैं, जहां से बांग्लादेशी भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। बार्डर की स्थिति क्या है? यह वीडियो उस एक सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट का हिस्सा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असम में घुसपैठ का स्थिति का पता लगाने के लिए गठन किया था। वैसे यह रिपोर्ट 2015 में ही सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई थी, लेकिन इसमें जो बातें बताई गई है, वो बेहद चौंकाने वाली है।
भारत और असम के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा 4000 किलोमीटर की है, लेकिन असम से लगने वाली यह सीमा 272 किलोमीटर है। इसमें 95 किलोमीटर नदी सीमा है। इस सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है। इस रिपोर्ट में असम के टाकमारी गांव का जिक्र है, जो बार्डर पर स्थित है। एक बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि, “इसकी दूरी बार्डर से महज 20 से 30 मीटर है। यहां एक तरफ भारतीयों के घर है तो दूसरी ओर बांग्लादेशियों के घर। यहां किसी तरह की घेराबंदी नहीं की गई है। इस गांव में काफी संख्या में लोग रहते हैं। यहां से घुसपैठ भी काफी होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि यहां रहने वाले लोगों को दूसरे जगह पर शिफ्ट कर देना चाहिए। यह घुसपैठ के लिहाज से काफी संवेदनशील है। यदि कभी संदिग्ध लोगों का पीछा करते किसी घर में घुस जाते हैं तो गांववाले सेना के उपर ही गंभीर आरोप लगाने लगते हैं।”
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि असम की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यहां अचानक कई परिवारों का नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गया। रिपोर्ट में मवेशी हार्ट को बार्डर से कम से कम 20 किलोमीटर दूर लगाने और बार्डर पर स्थित गांव को फेंसिग से रिलोकेट करने की बात कही। रिपोर्ट में कहा गया था कि एक बांग्लादेशी पासपोर्ट धारक न सिर्फ अासानी से असम में जमीन खरीद सकता है, बल्कि यहां से चुनाव भी लड़ सकता है। कई जगह ओपेन बार्डर है तो कई जगह मवेशियों के सहारे घुसपैठ होता है। असम से बांग्लादेश तक ब्रह्मपुत्र नदी बहती है। कई जगह इस नदी का एक सीमा भारत में है तो दूसरा सीमा बांग्लादेश में। इस नदी के सहारे काफी लोग भारत में घुसपैठ करते हैं। मवेशियों की तस्करी होती है।