अस्पताल में नाबालिग से रेप की कोशिश, बच्चों की मौत के बाद फिर सुर्खियों में गाेेरखपुर का BRD कॉलेज
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। शहर के सबसे बड़े अस्पताल बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में नाबालिग लड़की से रेप की कोशिश की गई है। यूपी के वीआईपी जिलों में शुमार होने के बाद भी अपराध के 36 घंटे बाद भी पुलिस पीड़िता का मेडिकल तक नहीं करवा सकी है। वैसे बता दें कि ये वही बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज है, जिसमें आॅक्सीजन के अभाव में हाल ही में कई मासूम बच्चों की मौत होने की खबरें आईं थीं।
दिया था नौकरी का झांसा: मामला बीते शनिवार (23 जून) का है। बताया गया कि पीड़िता यूपी के बलरामपुर की रहने वाली है। उसकी आयु मात्र 15 वर्ष बताई जा रही है। पीड़िता घर वालों से नाराज होकर एक हफ्ते पहले राजधानी लखनऊ आ गई थी। यहीं से एक महिला उसे नौकरी का झांसा देकर गोरखपुर ले आई। पीड़िता के मुताबिक महिला ने खुद को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में नर्स बताया था। महिला पीड़िता को लेकर बीआरडी अस्पताल आ गई। महिला ने उसे अस्पताल की बेंच पर बैठकर इंतजार करने को कहा। महिला ने उसे वादा किया था कि वह ड्यूटी के बाद वह उसे अपने घर ले जाएगी।
हैवान से बचकर भागी पीड़िता: रात होने पर पीड़िता ने महिला से अपना मोबाइल चार्ज पर लगाने के लिए कहा। महिला के साथ उस वक्त 2-3 लोग मौजूद थे। उनमें से एक ने उसे छत पर चलने के लिए कहा। पीड़िता जब छत पर पहुंची तो वहां पर मौजूद चार लोगों ने जबरदस्ती शुरू कर दी। लड़की के कपड़े जबरन उतार दिए गए। किसी तरह से अपनी इज्जत बचाने के लिए लड़की ने हैवान को अपने ऊपर से ढकेल दिया। वह खुद को बचाने के लिए उसी हालत में भागकर नीचे आ गई। जब अस्पताल में मौजूद लोगों ने उसकी ये दुर्दशा देखी तो तुरंत उसे चादर में कवर किया गया।
तलाश में जुटी पुलिस: अस्पताल में मौजूद लोगों ने पुलिस को बुलाया। गोरखपुर पुलिस ने लड़की के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस लड़की के मोबाइल की कॉल डिटेल और सीडीआर को भी खंगाल रही है। गोरखपुर के एसएसपी शलभ माथुर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस आरोपियों की तलाश शुरू कर चुकी है।”
बच्चों की मौत से हुआ चर्चित: बता दें कि गोरखपुर का बाबा राघव दास अस्पताल यूपी के पूर्वांचल का सबसे बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पूरे पूर्वांचल, बिहार और नेपाल से भी मरीज आते हैं। पिछले साल यहां आॅक्सीजन की कमी के कारण 63 से ज्यादा बच्चों ने दम तोड़ दिया था। इस मामले के कारण राज्य सरकार की खूब फजीहत हुई थी।