आइआइएमसी को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने को यूजीसी ने बनाई समिति

यूजीसी ने भारतीय जनसंचार संस्थान (आइआइएमसी) को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने के विचार के अध्ययन के लिए समिति गठित की है। देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों में शामिल आइआइएमसी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन आता है। संस्थान में पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विषयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आइआइएमसी के प्रस्ताव का विश्लेषण करने वाली चार सदस्यीय समिति की अध्यक्षता भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति बी के कुठियाला करेंगे।

अधिकारी ने कहा कि इसके बाकी सदस्यों में पंजाब विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ कॉम्युनिकेशन के प्रमुख संचार संजय वाडवलकर, मद्रास विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ जर्नलिज्म के विभागाध्यक्ष जी रंिवद्रन और यूजीसी की सुनीता सिवाच शामिल हैं। उन्होंने बताया कि समिति प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद अपनी सिफारिशें सौंपेगी जिसके बाद यूजीसी स्थल दौरे के लिए एक दूसरी समिति का गठन करेगी। आइआइएमसी को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने का विचार कोई नया नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी पिछले साल योजना को मंजूरी दी थी। संस्थान के महानिदेशक के जी सुरेश ने कहा कि यूजीसी का विचार के अध्ययन के लिए समिति का गठन करना चीजों के लगातार आगे बढ़ने का संकेतक है।

 

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