आईआईटी बॉम्बे का फरमान- नॉन वेज खानेवाले छात्र अलग रखें अपनी थाली

इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे ने अपने यहां पढ़ रहे छात्रों को फरमान जारी कर कहा है कि जो लोग नॉन वेज खाते हैं वो अपनी थाली अलग रखें। 12 जनवरी को छात्रों के भेजे ई-मेल में कहा गया है कि नॉन वेजिटेरियन स्टूडेन्ट्स हॉस्टल की मेस में मेन प्लेट्स में अपनी थाली न मिलाएं। यह मेल हॉस्टल 11 मेस के प्रशासक ने भेजी है। कुछ शाकाहारी छात्रों ने दोनों तरह की थाली के मिलने की शिकायत की थी। इसके बाद यह मेल भेजा गया है। भेजे गए मेल में कहा गया है कि नॉन वेज खाने वाले छात्र केवल ट्रे टाइप की थाली का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही लिखा है, कृपया मुख्य थाली का इस्तेमाल नॉन वेज खाने के लिए ना करें। उम्मीद है आपलोग इसका पालन करेंगे।”

एचटी मीडिया के मुताबिक, होस्टल की मेस काउंसिल ने कहा है कि यह मेल सिर्फ छात्रों को दोबारा याद दिलाने के लिए भेजा गया है, नियम तो पहले से ही बने हुए हैं। हालांकि कुछ छात्रों ने इस नियम की आलोचना की है और इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज बुलंद की है। जबकि कुछ छात्रों का कहना है कि यह नियम पहले से ही है। साल भर पहले भी नॉन वेज खाना अलग तरह की थाली में दिया जाता था। दोबारा उसी नियम को बताना किसी तरह का अपराध नहीं है। इस बीच आईआईटी में खाने की थाली को लेकर अब नया विवाद खड़ा हो गया है। कुछ छात्र तथाकथित नए नियम के विरोध में मंगलवार (16 जनवरी) को बैठक करने वाले हैं।

‘मिड डे’ से बात करती हुई हॉस्टल 11 स्टूडेन्ट काउंसिल की महासचिव रितिका वर्मा ने कहा कि यह कोई नया नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि आईआईटी बॉम्बे में कई सालों से चले आ रहे नियम को सिर्फ दोबारा लागू किया गया है। यहां हमेशा से वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन्स के लिए अलग-अलग तरह की थाली रही है। हाल के दिनों में कुछ स्टूडेन्ट्स को देखा गया है कि वो रेग्यूलर प्लेट्स में भी नॉन वेज खाना खा रहे हैं। इसलिए सबको फिर से याद दिलाने के लिए ही मेल भेजा गया है।

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