आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स को लेकर विरोध शुरू

उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के बनवाए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर गुजरने वाले वाहनों से 19 जनवरी से टोल टैक्स लगना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इलाकाई लोग और स्थानीय राजनेताओं ने टोल टैक्स प्रकिया को लेकर नाराजगी जताना भी शुरू कर दिया है। बेशक, 19 जनवरी से टोल टैक्स शुरू किया जा रहा है, लेकिन अभी निर्माण अधूरा ही दिख रहा है। असल में इस एक्सप्रेस वे पर अभी तक न तो पेट्रोल पंपों का निर्माण किया गया है और न ही कैंटिनों का निर्माण हुआ। इतना ही नहीं, अन्य जनसुविधाओं का भी अभी निर्माण नहीं किया गया है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आधी-अधूरी तैयारियों के साथ 19 जनवरी से गाड़ियों पर टोल टैक्स लगना प्रारंभ हो जाएगा। गाड़ी जहां से भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर जाएगी, वहां टोल गेट होगा। इसके लिए हर कट पर टोल गेट बनाया गया है, हालांकि यहां पर उसे टोल नहीं देना होगा, वह जिस स्थान पर उतरना चाहेगा टोल का भुगतान वहीं पर करना होगा। इसका मतलब एक्सप्रेस वे पर जितना वाहन चलेगा, उतना ही टोल देना होगा, हालांकि इस व्यवस्था में अभी बदलाव भी किया जा सकता है कि टोल टैक्स कहां पर वसूला जाए।

इटावा वासियों को नए साल में अब एक्सप्रेस वे पर जाने के लिए टोल अदा करना होगा।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अंतिम तैयारियों को पूरा करने के लिए निर्माणदायी संस्थाओं ने युद्धस्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जानवरों आदि को एक्सप्रेस वे पर आने से रोकने के लिए कंटीले तार लगाए गए हैं। निर्माण कंपनी के इंजीनियर रंजन सिंह ने बताया कि इस पूरे एक्सप्रेस वे पर दो प्रमुख टोल आगरा और लखनऊ में बनाए गए हैं, जहां वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए होटल मैकेनिक आदि की व्यवस्था की गई है, साथ ही प्रत्येक टोल गेट पर मैटीनेंस वैन और शौचालय की सुविधा मिलेगी। एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के इंतजाम के तहत हर पांच किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा में गश्त कर रही गाड़ी मिलेगी।

यही नहीं, प्रत्येक दस किलोमीटर पर एक्सप्रेस वे की तरफ से गाड़ी में किसी खराबी को दूर करने के लिए मैकेनिक सहित गाड़ी खड़ी मिलेगी। वाहन में खराबी आने पर एक्सप्रेस वे की तरफ से एक हेल्पलाइन जारी की जाएगी, जिस पर संपर्क करने पर मैटीनेंस वैन मौके पर पहुंचेगी। टोल फ्री नंबर को एक्सप्रेस वे की दोनों तरफ लिखाया जाएगा, हालांकि अधिकारियों की तरफ से अनेक वादे किए जा रहे हैं, पर हकीकत में कितने बदल पाते हैं, इसमें संशय है।

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