GDP “गिर” रही है, ये चिंता का विषय है,मगर “सरकार” कितना “गिर” चुकी, ये कोई नहीं बोलता.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जीडीपी से की सरकार की तुलना, लोग बोले- चढ़ावा नहीं मिल रहा क्या?
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए शुक्रवार 5 जनवरी को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पहला अनुमान जारी किया। सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) के अनुसार, इस वित्त वर्ष में विकास दर में कमी देखने को मिलेगी। विकास दर 6.5 फीसदी विकास दर के आसपास होगी। जबकि, बीते साल यह 7.1 फीसदी थी। वहीं, 2015-16 में विकास दर आठ फीसदी के करीब थी। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी। आपको बता दें कि तीन तिमाही के आंकड़ों के साथ जीडीपी का दूसरा अनुमान 28 फरवरी को जारी किया जाएगा। पूरे साल के आंकड़े 2018 में जारी किए जाएंगे। कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जीडीपी की वृद्धि दर चालू 2017-18 में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहेगी। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि दर होगी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने मई 2014 में अपना कार्यभार संभाला था। जानकार इसे आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए इसे झटके के तौर पर देख रहे हैं।
इन्हीं आंकड़ों के बाद कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। प्रमोद कृष्णम ने लिखा- जीडीपी “गिर” रही है, ये चिंता का विषय है..मगर “सरकार” कितना “गिर” चुकी, ये कोई नहीं बोलता।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का ये ट्वीट आते ही लोग उनपर टूट पड़े। देखते ही देखते आचार्य ट्रोल होने लगे। लोगों ने लिखा कि बाबाजी आपको सरकार की तरफ से चढ़ावा नहीं मिला क्या? वहीं बहुत से यूजर्स ने ये भी लिखा कि आप साधु के नाम पर कलंक हैं, आप किताना गिरेंगे ये बताइये