आचार्य बालकृष्ण के नुस्खेः जानिए माइग्रेन और एनीमिया से कैसे निजात दिलाता है दूब

हिंदू परंपरा में दूब घास धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एक पवित्र पूजा का उपकरण होने के अलावा दूब घास कई तरह के औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। आयुर्वेद के लोकप्रिय आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक दूब घास पर जब ओस पड़ी हो तो उस पर चलने मात्र से नेत्र ज्योति बढ़ती है। साथ साथ सिरदर्द और तनाव के लिए भी दूब काफी लाभदायक है। जिन लोगों को अक्सर तनाव रहता है ऐसे लोग दूब घास को पीसकर उसका लेप अपने पैरों में लगाएं। ऐसा करने पर मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और दिमाग की उथल-पुथल शांत हो जाती है। इसके अलावा जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द रहता हो वे लोग दूब घास को पीसकर उसमें थोड़ा सा चूना मिला लें। फिर इस मिश्रण को सिर पर लगाएं। इससे सिरदर्द से बहुत आराम मिलता है। इसके अलावा भी दूब घास के बहुत सारे लाभ होते हैं। आज हम आपको हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली इसी दूब घास के तमाम औषधीय गुणों के बारे में बताने वाले हैं।

मुंह के छालों और मानसिक रोगों में लाभकारी – दूब का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने से छाले मिट जाते हैं साथ ही साथ अगर इसे पीसकर इसका लेप मस्तिष्क पर लगाएं तो इससे नकसीर भी बंद हो जाती है। चूंकि दूब घास की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसके ताजे रस का इस्तेमाल मिर्गी, हिस्टीरिया आदि मानसिक रोगों में भी किया जाता है।

एनीमिया में – दूब घास को हरा रक्त भी कहा जाता है। यह खून बढ़ाने में मददगार होता है। एनीमिया रोग में इसका रस पीने से काफी लाभ होता है।

महिलाओं संबंधी समस्याओं से राहत – स्तनापान कराने वाली महिलाओं के लिए दूब का सेवन बहुत लाभकारी होता है साथ ही इसके इस्तेमाल से महिलाओं संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- ल्यूकोरिया, यूरीन इंफेक्शन आदि का उपचार किया जाता है।

मलेरिया में लाभ – दूब घास मच्छरजनित मलेरिया रोग के उपचार में भी काफी लाभकारी है। दूब के रस में अतीस के चूर्ण को मिलाकर दिन में दो बार चाटने से मलेरिया रोग में काफी लाभ होता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत रखने में – शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में दूब घास हमारी काफी मद करती है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। इस वजह से यह किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करता है। इसके अलावा यह अनिद्रा, थकान और तनाव जैसे रोगों का भी असरकारी उपाय है।

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