आतंक के विरुद्ध
पिछले कुछ महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सेना और स्थानीय पुलिस ने जिस तरह का अभियान शुरू किया है, उसी का हासिल है कि अब इस दिशा में प्रत्यक्ष कामयाबी मिलती दिख रही है। रविवार को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन आतंकवादियों की गिरफ्तारी इसकी एक कड़ी भर है। इसके अलावा, हाल के आतंकी हमलों के दौरान सुरक्षा बलों ने पूरी क्षमता से सामना किया, आतंकियों को मार गिराया या फिर उन्हें गिरफ्तार किया। रविवार को ही आई एक खबर के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के संयुक्त अभियान में सिर्फ इस साल अब तक एक सौ नब्बे आतंकी मारे जा चुके हैं। जाहिर है, यह आतंक-प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे सैन्य-बलों के बढ़ते मनोबल का नतीजा है। निश्चित रूप से यह स्थिति तब आई है जब जमीनी स्तर पर समस्या की समझ के हिसाब से अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने में उनके सामने से प्रशासनिक बाधाएं कम हुई होंगी। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में खुफिया महकमे के साथ सुरक्षा बलों और स्थानीय पुलिस का तालमेल बना है, उसके चलते भी कामयाबी का बेहतर रास्ता तैयार हुआ है।