‘आप’ का हमला, भाजपा ने निगमों को बनाया भ्रष्टाचार का अड्डा

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार ने पहले तो नोटबंदी और जीएसटी से व्यापारियों के व्यापार को चौपट किया और अब पार्टी के शासन वाले नगर निगमों में व्यापारियों की दुकानों को ही सील करवा रही है। पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति और कन्वर्जन शुल्क की आड़ में भाजपा राजधानी के व्यापारियों की दुकानें सील कर रही है और अपनी भ्रष्टाचार की दुकान चला रही है।
आप नेता दिलीप पांडे ने कहा कि विधायक और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में दिल्ली सरकार के मनोनीत प्रतिनिधि जरनैल सिंह ने आरटीआइ के जरिए जो जानकारियां हासिल की हैं वे चौंकाने वाली हैं।

भाजपा ने अकेले दक्षिणी दिल्ली निगम में एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि पता चला कि दक्षिणी दिल्ली निगम ने दिल्ली के व्यापारियों से अलग-अलग जोन से 966 करोड़ रुपए तो कन्वर्जन शुल्क के रूप में और 61 करोड़ रुपए पार्किंग शुल्क के रूप में जमा कराए हैं और इसके बावजूद उन व्यापारियों की दुकानें भी सील की जा रही हैं। आप नेता ने कहा कि हैरान करने वाली बात यह है कि पंजीकरण शुल्क, कन्वर्जन शुल्क, और पार्किंग शुल्क के रूप में दिल्ली के व्यापारियों से इकट्ठा किया गया वह पैसा एमसीडी के एस्क्रो अकाउंट में जमा हुआ।

इस पैसे का उपयोग सिर्फ उन्हीं बाजारों के सौंदर्यीकरण और पार्किंग व्यवस्था ठीक करने के लिए किया जाना चाहिए था जहां से यह पैसा वसूला गया था लेकिन एमसीडी में बैठे भाजपा नेताओं ने कानून को दरकिनार करते हुए एस्क्रो अकाउंट के उस पैसे को वहां से निकालकर एमसीडी के सामान्य अकाउंट में डाल दिया और किसी और मद में उस पैसे को खर्च कर मोटा कमीशन कमाया और घोटाले को अंजाम दिया। यह तो सिर्फ दक्षिणी एमसीडी के आंकड़े हैं, दो और नगर निगमों में भी भाजपा ने यही कहानी दोहराई है जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 से भी ज्यादा साल से लगातार नगर निगम में बैठे भाजपा नेताओं ने निगम के अलग-अलग स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना वसूली एजंट बनाया हुआ है जो बिल्डिंग डिपार्टमेंट में जनता और व्यापारियों से पैसा अवैध तौर पर वसूली करते हैं और भाजपा नेताओं की तिजोरियों में पहुंचाते हैं।

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