आप ने खत्म किया अमानतुल्लाह खान का निलंबन, भड़के कुमार विश्वास- मुझे राज्यसभा जाने से रोकने की साजिश
सोमवार (30 अक्टूबर) को आम आदमी पार्टी ने विधायक अमानतुल्लाह खान की निलंबन रद्द कर दिया जिससे पार्टी के अंदर नई रस्साकशी शुरू होने के आसार हैं। अमानतुल्लाह के निलंबन खत्म होने पर पार्टी के वरिष्ठ नेत कुमार विश्वास ने कहा कि खान “केवल मुखौटा हैं” और ये उन्हें राज्य सभा सदस्य बनने से रोकने की साजिश है। दिल्ली की ओखला विधान सभा से विधायक खान को मई 2017 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। खान ने उस समय कुमार विश्वास पर हमला करते हुए उन्हें “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दलाल” बताया था। खान ने आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य विश्वास पर पार्टी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था। खान की पार्टी ऐसे समय में हुई है जब दो नवंबर को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली है। राष्ट्रीय परिषद आम आदमी पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।.
हालांकि आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि खान का निलंबन वापस ले लिया गया है लेकिन ये पुरानी तारीख से नहीं किया गया है। पार्टी के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “इसका ये मतलब नहीं है कि उन्हें क्लीन चिट मिल गयी है।” इस साल मई में जब खान के हमले के बाद विश्वास ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी तो राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनके घर जाकर उनसे मिले थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार केजरीवाल और सिसोदिया को आशंका थी कि कई विधायकों का समर्थन होने की वजह से विश्वास पार्टी तोड़ने में सक्षम हैं इसलिए खान को निलंबित करके संकट टाला गया था।
खान को पार्टी से निलंबित करने के बाद तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बनायी गयी थी जिसे मामले की जांच करनी थी। इस कमेटी में आप के तीन नेता आशुतोष, पंकज मिश्रा और अतिशी मारलेना शामिल थे। इस कमेटी ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी और खान का निलंबन रद्द करने की घोषणा की। खान ने इंडयिन एक्सप्रेस को फोन पर बताया, “मुझे आशुतोष का फोन आया जिन्होंने बताया कि मेरा निलंबन रद्द कर दिया गया है। मैं पार्टी द्वारा किए गये काम पर ध्यान दूंगा।” कुमार विश्वास के बारे में पूछे पर खान ने कहा, “अब कहने को क्या रह गया है?”
आम आदमी पार्टी के एक सूत्र ने कहा, “अभी हर विधायक का महत्व है। खासकर हमारे 21 विधायकों के खिलाफ चल रहे लाभ के पद के मामले को देखते हुए। ऐसे में पार्टी उन्हें हमेशा के लिए निलंबित नहीं रख सकती। आखिर हर पार्टी में आपसी समझौतों की जगह होनी चाहिए।”