आप विधायकों की मुश्किल बढ़ी, अरविंद केजरीवाल के सलाहकार ने दी गवाही- मेरे सामने हुई थी चीफ सेक्रेटरी की पिटाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की पिटाई मामले में अपने पहले के बयान का खंडन किया है और पुलिस को बताया है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हमला होते हुए देखा था। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी को केजरीवाल के आवास पर की गई एक बैठक में मुख्य सचिव पर हमला हुआ था, जिसमें उनका चश्मा गिरते हुए उन्होंने देखा था। गुरुवार (22 फरवरी) को दिल्ली कोर्ट में प्रकाश पर हमले के आरोपी दो आम आदमी पार्टी के विधायकों की जमानत की सुनवाई के दौरान वीके जैन ने पहला बयान दर्ज कराया था, वहीं उन्होंने दूसरा बयान आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया। दो नए बयान जैन के पहले के दिए हुए बयानों का खंडन करते हैं। बुधवार (21 फरवरी) को पुलिस को दिए एक बयान में उन्होंने कहा कि वह 19 फरवरी की बैठक में मौजूद थे लेकिन हमला होते हुए नहीं देखा और उन्होंने कहा था कि वह कुछ मिनट के लिए वॉशरूम में थे।

अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने महानगर मजिस्ट्रेट शेफाली बरनाला टंडन को गुरुवार को बताया कि जैन के बयान को पुलिस के सामने दर्ज किया गया। ”आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान में जैन ने कहा कि 11.30 बजे वह अपने महारानी बाग स्थित घर से निकले और आधी रात के वक्त मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचे।” अभियोजक के अनुसार जैन ने बयान में स्वीकार किया है कि वॉशरूम से निकलने के बाद उन्होंने प्रकाश पर हमला होते हुए देखा। ”उन्होंने देखा कि दो विधायकों ने मुख्य सचिव को घेर लिया था, वे उन पर हमला कर रहे थे और तभी उनका चश्मा गिर गया।” आप विधायकों के बचाव पक्ष के वकील बीएस जून ने जमानत के लिए हुई बहस के दौरान जैन के विरोधाभाषी बयानों पर ध्यान दिया। अभियोग पक्ष के वकील ने सुनवाई के दौरान आप विधायकों की जमानत के खिलाफ उन्हें पुलिस हिरासत में रखने के लिए नया प्रार्थनापत्र तैयार किया।

अदालत ने शुक्रवार के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा और दोनों विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। देवली के विधायक प्रकाश झारवाल और ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेजे गए। विशेष पुलिस आयुक्त और प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पहले जैन का बयान आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दर्ज किया था, फिर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत दर्ज किया। यह पाया गया है कि जैन ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत दिए अपने बयान में कहा- ”जब मैं वापस आया, मैंने दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश झारवाल को देखा, दोनों बैठे हुए थे, वे दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को यह पूछते हुए पीट रहे थे कि वह काम क्यों नहीं कर रहे हैं… वे उन्हें धक्का दे रहे थे, उनकी ठोड़ी पकड़ कर धमका रहे थे। वे पूछ रहे थे आप काम क्यों नहीं कर रहे हैं। इस घटना में उनका चश्मा गिर गया।”

पुलिस के सूत्रों ने कहा कि जैन गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराने के लिए सुबह 10 बजे सिविल लाइंस पुलिस थाने में गए थे। 1984 के DANICS बैच और 2001 के आईएएस अधिकारी 60 वर्षीय जैन को केजरीवाल ने 2017 में एडवाइजर कम कंसल्टेंट नियुक्त किया था। जैन कई सरकारी विभागों में काम कर चुके हैं और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर रिटायर हो चुके हैं।

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