आम आदमी पार्टी को मिला कारण बताओ नोटिस

दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने एक बार फिर से सूबे में हुकूमत चला रही आम आदमी पार्टी को राउज एवेन्यू स्थित पार्टी दफ्तर को खाली करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं, पार्टी से करीब 28 लाख रुपए का हर्जाना चुकाने को भी कहा गया। नोटिस के माध्यम से पार्टी को ताकीद भी की गई है कि वह एक हफ्ते के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दे, अन्यथा इस मामले में नियमानुसार कारवाई की जाएगी।।

पीडब्लूडी के विशेष सचिव अशोक कुमार द्वारा बीते 26 सितंबर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि वह एक सप्ताह के भीतर नोटिस के संदर्भ में सरकार को पार्टी के पक्ष से अवगत कराएं। नोटिस में आम आदमी पार्टी को सलाह दी गई है कि इस नोटिस के मामले में वह आगामी 10 अक्तूबर को दोपहर तीन बजे उपराज्यपाल के समक्ष अपना पक्ष रख सकती है।

आम आदमी पार्टी को भेजे गए छह पन्नों के इस नोटिस में विस्तार से पार्टी दफ्तर के आबंटन से लेकर आज तक की स्थिति की पूरी चर्चा की गई है। आपको बता दें कि दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर राउज एवेन्यू स्थित 206 नंबर बंगला पहले दिल्ली सरकार के मंत्री असीम अहमद को बतौर सरकारी निवास आबंटित किया गया था। लेकिन दिल्ली मंत्रिमंडल ने 6 अक्तूबर, 2015 को यह बंगला आम आदमी पार्टी को आबंटित करने का फैसला किया। लेकिन बाद में 6 अप्रैल, 2017 को उपराज्यपाल ने इस आबंटन को नियमों के खिलाफ करार देते हुए इस आबंटन को रद्द करने का आदेश दिया।

पीडब्ल्यूडी के आम आदमी पार्टी को जारी नोटिस में कहा गया है कि उपराज्यपाल के आदेश के बाद पीडब्ल्यूडी ने 12 अप्रैल, 2017 को इस आबंटन को रद्द कर दिया। चूंकि जब यह बंगला मंत्री को आबंटित किया गया था, तब इसमें फर्नीचर और बिजली की सभी फिटिंग्स की गई थी। लिहाजा इसके बदले आम आदमी पार्टी से 27, लाख, 73, हजार, 802 रुपए का हर्जाना चुकाने का भी आदेश दिया गया।

विभाग ने फिर से 13 जून, 2017 को भी आम आदमी पार्टी को बंगला खाली करने को कहा। लेकिन आम आदमी पार्टी बंगला खाली करने के बदले अदालत चली गई और दिल्ली हाई कोर्ट ने पीडब्लूडी द्वारा 12 अप्रैल, 2017 को जारी आदेश को रद्द करते हुए उपराज्यपाल को निर्देश दिए कि वे बंगले का आबंटन रद्द करने का कारण बताते हुए इस मामले का का निपटारा करें। पीडब्लूडी का कहना है कि अदालत ने उसके 13 जून, 2017 के आदेश पर कोई फैसला नहीं दिया।

विभाग ने यह भी कहा है कि आम आदमी पार्टी को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के लैंड एंड डेवलपमेंट आफिस ने 10 फरवरी, 2014 को दिल्ली में पार्टी दफ्तर के लिए जमीन देने की पेशकश की। लेकिन दिल्ली सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर यह बंगला आम आदमी पार्टी के नाम आबंटित कर दिया। लेकिन आम आदमी पार्टी ने कहीं इस बात की चर्चा नहीं की कि उसे केंद्र सरकार ने जमीन देने की पेशकश की थी। इन तमाम तथ्यों के आधार पर पीडब्लूडी ने आम आदमी पार्टी को पार्टी दफ्तर के रूप में इस्तेमाल किए गए बंगले को खाली करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। समझा जा रहा है कि इसकी वजह से उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी टकराव और उग्र होगा।

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