आरएसएस के एमजी वैद्य बोले- हिंदुत्व को अपना ही मजहब समझें मुसलमान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से हिंदुत्व पर दिए गए बयान को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं है कि संघ के एक और प्रभावशाली व्यक्ति ने इस पर टिप्पणी कर दी है। संघ विचारक एमजी वैद्य ने मंगलवार को कहा कि हिंदू होने के लिए किसी को अपना धर्म छोड़ने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमान हिंदुत्व को अपना ही मजहब समझें। इससे पहले मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत के सभी मुस्लिम भी हिंदू ही हैं।
एएनआई से बात करते हुए संघ के वयोवृद्ध विचारक एमजी वैद्य ने हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा, ‘हिंदू होने के लिए मुसलमानों को कुरान छोड़ने की जरूरत नहीं है। वे बस हिंदुत्व को अपना ही मजहब समझें।’ उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति मंदिर नहीं जाता है वह भी हिंदू है। ऐसे में हर किसी को हिंदू होने का अर्थ समझना चाहिए। इससे पहले एक इंटरव्यू में एमजी वैद्य ने कहा था कि राष्ट्र सर्वोच्च है और राष्ट्र का नाम हिंदू राष्ट्र है। एक ‘हिंदू राष्ट्र’ में अल्पसंख्यकों के लिए स्थान की बात पर उन्होंने कहा था कि वे भी राष्ट्र का हिस्सा हो सकते हैं। राष्ट्र में लोग शामिल होते हैं और लोग ही राष्ट्र है। उन्होंने बताया था कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के माध्यम से संघ में भी मुस्लिम लोग शामिल हैं। उनके मुताबिक, संघ की मेघालय शाखा में तो 95 फीसद तक तक ईसाई सदस्य शामिल हैं। मालूम हो कि एमजी वैद्य 17 वर्षों तक एक ईसाई स्कूल में बच्चों को पढ़ाया भी था।
एमजी वैद्य का यह बयान ऐसे समय आया है जब मोहन भागवत के बयान को लेकर हंगामा मचा हुअा है। आरएसएस प्रमुख ने रविवार को पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, ‘भारत के मुस्लिम भी हिंदू ही हैं। हमारी किसी से कोई शत्रुता नहीं है। हम सबका कल्याण चाहते हैं।’ उनके इस बयान को लेकर खासकर धार्मिक नेताओं में हलचल मच गई थी। कुद हिंदू धर्मगुरुओं ने इसका समर्थन किया था तो कुछ ने विरोध जताया था।