आरएसएस ने मुख्यालय में नहीं दी इफ्तार की इजाजत, मुस्लिम नेता भड़के

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने नागपुर में इफ्तार के आयोजन को लेकर उठे विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। आरएसएस ने स्पष्ट किया कि नागपुर के स्मृति मंदिर में इफ्तार का आयोजन नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की महाराष्ट्र इकाई के संयोजक मोहम्मद फारूक शेख ने इसका अनुरोध किया था। शेख ने आरएसएस के फैसले पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, इफ्तार के आयोजन में गलत क्या है? मैंने सोचा था कि आरएसएस द्वारा इफ्तार की मेजबानी करने से भाईचारे का संदेश जाएगा। वह भी ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर चर्चा हो रही है। हमलोगों ने पिछले साल मोमिनपुरा जामा मस्जिद के सामने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इसमें आरएसएस और भाजपा के कुछ नेताओं ने भी शिरकत की थी।’ कुछ मीडिया रिपोर्ट में आरएसएस द्वारा ‘ईद मिलन’ समारोह का आयोजन करने की बात सामने आई थी, जिसका आरएसएस के पदाधिकारियों ने खंडन किया है। लेकिन, फारूक शेख ने बताया कि उन्हें भी आरएसएस द्वारा ईद मिलन समारोह आयोजित करने की सूचना दी गई थी।

मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अफजल ने शेख के आग्रह को ठुकराने की जानकारी दी। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए अफजल ने कहा, ‘इफ्तार की मेजबानी हमेशा वही व्यक्ति करता है जो दावत देता है। इस्लाम किसी से यह नहीं कहता कि वह मुसलमानों के लिए दावत की मेजबानी करे। ऐसे में महाराष्ट्र इकाई (राष्ट्रीय मुस्लिम मंच) द्वारा नागपुर में आरएसएस से किया गया आग्रह मौलिक रूप से दोषपूर्ण है। उन्हें (फारूक शेख) इस बात की जानकारी दे दी गई है।’

यह विवाद पिछले सप्ताह उस वक्त उठा था जब महाराष्ट्र मंच के संयोजक फारूक शेख ने आरएसएस के नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया से स्मृति मंदिर के प्रांगण में इफ्तार की मेजबानी करने का आग्रह किया था। आरएसएस ने यह कहते हुए उनके अनुरोध को ठुकरा दिया था कि मंदिर में किसी भी तरह की पार्टी आयोजित नहीं की जा सकती है। फारूक शेख ने इफ्तार में सिर्फ शाकाहार भोजन परोसने की बात कही थी। संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘मंदिर के प्रांगण में इस तरह का आयोजन नहीं किया जा सकता है। फिलहाल स्मृति मंदिर में तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है।’

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