आरक्षण के मुद्दे पर हार्दिक पटेल संग भूख-हड़ताल करने जा रहे थे पाटीदार नेता, हिरासत में लिए गए

आरक्षण मुद्दे पर अन्य पाटीदार नेताओं संग एक दिन की भूख-हड़ताल करने जा रहे हार्दिक पटेल को अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने हिरासत में ले लिया है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) नेता हार्दिक निकोल में एक दिन की भूख-हड़ताल करने वाले थे। पुलिस के मुताबिक पटेल संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बिना भूख-हड़ताल करने जा रहे थे। पुलिस ने आगे बताया कि हार्दिक पटेल की भूख-हड़ताल से पहले कुल 140 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं राजकोट से अहमदाबाद आ रहे 26 लोगों को गुजरात पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके अलावा 19 पाटीदार संयोजक को भी हिरासत में लिया गया है। इस दौरान पाटीदार संगठन के कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों संग झड़प भी की।

इससे पहले हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखकर 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन के लिए आवश्यक अनुमति को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने रूपाणी को एक खुले पत्र में कहा कि लगातार अनुरोधों के बाद भी प्रशासन ने ना तो पुलिस की अनुमति दी है ना ही उन्हें प्रदर्शन के लिए कहीं जगह मुहैया कराई गई है। पटेल ने घोषणा की कि वह पाटीदार (पटेल) समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर दबाव बनाने की खातिर निकोल इलाके में एक मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे।

बता दें कि बीते बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने 2015 में हुए दंगों के मामले में हार्दिक पटेल को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा पर रोक लगा दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.एच वोहरा द्वारा दिया गया जो अगली सुनवाई तक वैध रहेगा। इस दौरान हार्दिक पटेल ने संवाददाताओं से कहा, “उच्च न्यायालय ने मेरे द्वारा दायर एक मामले में फैसला सुनाया है। अब उच्च न्यायालय की जो भी प्रक्रिया होगी हम उसका पालन करेंगे। हमने कोई भी ऐसा गैरकानूनी काम नहीं किया जिसके लिए हमें सजा होनी चाहिए।”

बता दें कि बीते बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने 2015 में हुए दंगों के मामले में हार्दिक पटेल को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा पर रोक लगा दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.एच वोहरा द्वारा दिया गया जो अगली सुनवाई तक वैध रहेगा। इस दौरान हार्दिक पटेल ने संवाददाताओं से कहा, “उच्च न्यायालय ने मेरे द्वारा दायर एक मामले में फैसला सुनाया है। अब उच्च न्यायालय की जो भी प्रक्रिया होगी हम उसका पालन करेंगे। हमने कोई भी ऐसा गैरकानूनी काम नहीं किया जिसके लिए हमें सजा होनी चाहिए।”

गौरतलब है कि पटेल समुदाय के लिए नौकरी और शैक्षणिक क्षेत्रों में आरक्षण की मांग के लिए 2015 में आयोजित एक रैली के दौरान 500 लोगों की भीड़ हिंसक हो गई थी और तत्कालीन भाजपा विधायक रुशिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। हार्दिक ने कहा, “हम सच्चाई के लिए काम कर रहे हैं और अगर लोगों के मुद्दों को उठाते वक्त आप हार्दिक को बागी कहते हैं तो मैं बागी हूं। 2015 में पटेलों को लेकर हुई पहली बड़ी रैली की तीसरी वर्षगांठ पर 25 अगस्त को मैं अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करूंगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *