आरक्षण खत्म करने के रास्ते तलाश रहा है केंद्र: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का कहना है कि केंद्र सरकार आरक्षण को खत्म करना चाहती है। इसके लिए सरकार नए-नए तरीके निकाल रही है जिससे आरक्षण को खत्म किया जा सके। मायावती ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस को भी दलित मसलों पर जमकर घेरा। उन्होंने समय से पहले लोकसभा चुनाव की संभावना भी जताई। बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद पहली बार शुक्रवार को जयपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में आर्इं। इसमें उन्होंने एक बार फिर आरक्षण को मुद्दा बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राजस्थान की सरकार गरीब, दलित,मजदूर और किसानों का शोषण करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि बसपा ने हमेशा दलितों के हितों का ध्यान रखा है। इसके लिए वे बसपा सरकार के काम को देख सकते है। बसपा दलितों को संगठित करने का काम कर रही है। दूसरी पार्टियां इनका शोषण करने का काम करती है। दलितों को इसका जवाब चुनावों में भाजपा और कांग्रेस जैसे दलों को देना होगा। दलितों का सिर्फ वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार को अब तीन साल बाद क्यों पिछडा वर्ग आयोग की याद आई है। उन्होंने कांग्रेस को भी लपेटते हुए कहा कि उसकी जातिवादी सोच के कारण ही उसने मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया। बसपा प्रमुख ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले करते हुए उस पर वादाखिलाफी और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। भाजपा विपक्ष को खत्म करने के लिए सरकारी मशीनरी का बेजा इस्तेमाल कर रही है। विपक्ष के खिलाफ योजनापूर्वक सरकार सीबीआइ और टैक्स डिपार्टमेंट का इस्तेमाल कर रही है। नोटबंदी और जीएसटी से देश भर में बेरोजगारी और गरीबी का माहौल पैदा हो गया है। इस पर केंद्र सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, पर देश पर इसका उलटा असर हुआ है। सबका साथ सबका विकास भाजपा का जुमला बनकर रह गया है। मायावती ने आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए भाजपा के उसके साथ गठजोड़ पर भी सवाल खडे किए।

मायावती ने समय से पूर्व लोकसभा चुनाव की संभावना जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए तैयारी भी कर रही है। उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं को इशारा किया कि राजस्थान विधानसभा के साथ ही लोकसभा चुनाव भी हो सकते हैं। केंद्र सरकार मानकर चल रही है कि उसके पक्ष में हवा बह रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में दलितों की नहीं सुनी जा रही है। बसपा को गरीब और दलितों की पार्टी बताते हुए उन्होंने इसे मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में दलित और अल्पसंख्यकों को जोड़कर रखा जाता है। गौरतलब है कि राजस्थान के कई इलाकों में बसपा का जमीनी आधार है। इसके बूते ही अब मायावती राजस्थान में बसपा के पैर पसारने की रणनीति बना रही है।

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