आरक्षित श्रेणी वालों को सहूलियतें क्यों’, छात्र ने शिवराज चौहान से पूछ लिया मुश्किल सवाल, मिला यह जवाब

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से एक छात्र ने शिक्षा में जातिवादी आरक्षण को लेकर सवाल पूछ लिया तो वह कुछ देर के लिए असहज हो गए। फिर खामोशी के बाद उन्होंने आरक्षण के पीछे की वजह बताई। सवाल पूछने के दौरान छात्र ने उनसे कहा-मामाजी, कृपया जाति को शिक्षा में न लाएं। छात्र ने उदाहरण देते हुए बताया कि उसके आरक्षित श्रेणी के एक दोस्त को तीन प्रतिशत कम अंक के बावजूद लैपटॉप मिल रहा है, आखिर क्यों।छात्र ने उत्तेजित होकर बार-बार यही शब्द दोहराया-मामाजी शिक्षा में जाति…मामाजी….शिक्षा में जाति क्यों और फिर कहा कि 80 प्रतिशत लाने पर भी क्यों नहीं उसे लैपटॉप मिल रहा।
दरअसल भोपाल के मॉडल स्कूल ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के छात्रों से लाइव फोन इन कार्यक्रम के जरिए मुखातिब थे। इस कार्यक्रम में बाहरी छात्रों के फोन के अलावा संस्थान के छात्र भी सवाल पूछ रहे थे। जब छात्र ने शिक्षा में जाति के आधार पर आरक्षण का विरोध किया और सभी के लिए बराबर अवसर देने की मांग की तो बाकी छात्रों ने उसका समर्थन किया। जब अधिकारियों ने छात्र को रोकने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री ने उन्हें हस्तक्षेप न करने का इशारा किया।

कुछ देर खामोश रहने के बाद मुख्यमंत्री ने आरक्षण को उचित ठहराते हुए कहा-कुछ लोग विकास की मुख्यधारा में पीछे छूट गए थे, इस नाते अगर उन्हें कुछ रियायतें दी जाती हैं तो हमें शिकायत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में तरह-तरह के फूल हैं, हमें उनकी देखभाल करने और सभी की रक्षा करने की जरूरत है।उन्होंने बच्चे को बड़े दिल का बनने की सलाह दी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों से कहा कि बाकी योजनाओं जाति पर आधारित नहीं हैं।

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