आशीष नेहरा ने की संन्यास की पुष्टि, बताया फील्ड पर कब मिलती थी खुशी

अपने कैरियर में चोटों से घिरे रहने वाले भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने आज घोषणा की कि वह न्यूजीलैंड के खिलाफ एक नवंबर को होने वाले टी20 मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। नेहरा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसे में रिटायर होना अच्छा लगता है, जब लोग ‘क्यो नहीं’ से ज्यादा ‘क्यों’ सवाल पूछते हैं।’’ उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच से पहले कहा, ‘‘मैंने टीम प्रबंधन और चयन समिति के प्रमुख से बात की है। मेरे लिए घरेलू दर्शकों के सामने खेल को अलविदा कहने से बढ़कर कुछ नहीं होगा। उसी मैदान पर 20 साल पहले मैंने अपना पहला रणजी मैच खेला था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा कामयाबी के साथ संन्यास लेना चाहता था। मुझे लगता है कि यह सही समय है और मेरे फैसले का स्वागत किया गया है।’’ 38 बरस के नेहरा ने मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली को इस फैसले की जानकारी दे दी है। भारत और न्यूजीलैंड 22 अक्टूबर से तीन मैचों की वनडे और तीन टी20 मैचों की श्रृंखला खेलेंगे। नेहरा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में वापसी की, लेकिन पहले दो मैचों में टीम में जगह नहीं बना सके।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं श्रृंखला खेलने आया तो सारे मैचों की तैयारी से आया था। मैंने कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री से सीधे बात की। मेरा मानना है कि यदि मैं उपलब्ध हूं तो अंतिम एकादश में मुझे होना चाहिए। मैंने पिछले दो साल में सारे टी20 मैच खेले हैं। मैंने उन्हें अपने फैसले की जानकारी दे दी।’’ उन्होंने कहा कि यह फैसला अचानक नहीं लिया और युवा तेज गेंदबाजों को देखने के बाद यह फैसला लिया है। नेहरा ने कहा, ‘‘भुवनेश्वर जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। बुमरा और मैं पहले खेल रहे थे लेकिन अब भुवी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा अगले पांच-छह महीने तक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं होना है।’’

उन्होंने कहा कि वह एक साल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल खेल सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए यह अहम है कि ड्रेसिंग रूम में लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। अब वे सभी कह रहे हैं कि मैं एक-डेढ़ साल और खेल सकता था। मेरा हमेशा यह मानना रहा है कि ऐसे समय में संन्यास लेना चाहिए जब लोग ‘क्यों नहीं’ से ज्यादा यह कहें कि ‘क्यों’। मैं शिखर पर रहते हुए संन्यास लेना चाहता था।’’ इसके बाद 2018 में कोई टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं होना है। नेहरा ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन कर रहे युवाओं को ही और मौके दिया जाना सही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब आईपीएल भी नहीं खेलेंगे।

भारत के लिए 1999 में पहला मैच खेलने वाले नेहरा 117 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी20 मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 44 टेस्ट, 157 वनडे और 34 टी20 विकेट लिए हैं। उन्हें डरबन में 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 23 रन देकर छह विकेट लेने के लिए याद रखा जाएगा। बीमार होने के बावजूद उन्होंने उस मैच में यह प्रदर्शन किया था। वह 2011 विश्व कप विजेता टीम के भी सदस्य थे और सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। उंगली में फ्रेक्चर के कारण वह फाइनल नहीं खेल सके थे।

यह पूछने पर कि क्रिकेट के मैदान पर उनकी सबसे सुखद याद क्या है, उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन एक नई याद है। लोग लम्हे याद रखते हैं, मसलन इंग्लैंड के खिलाफ छह विकेट या कराची में आखिरी ओवर, लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हमेशा अच्छा लगता रहेगा कि कप्तानों ने मुझसे आखिरी ओवर कराया। हम विश्व कप 2011 फाइनल जीते और 2003 हारे। मेरे लिए कोई एक याद का जिक्र करना मुश्किल है।’’

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