आशुतोष ने किया ऐसा ट्वीट कि आप और अरविंद केजरीवाल को ही घेरने लगे लोग

दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और नेता आशुतोष नरेंद्र मोदी सरकार की पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर खिंचाई करके खुद ही ट्विटर ट्रोल के शिकार हो गये। आशुतोष ने बुधवार (20 सितंबर) को सुबह ट्वीट किया, “बीजेपी सरकार में तेल के दाम आसमान छुयें तो कहा जाये कि राष्ट्र निर्माण में टैक्स लिया । तो कांग्रेस सरकार में टैक्स पाकिस्तान के लिये था?” इस पर यूजर्स ने आशुतोष की खिंचाई कर दी। एक पैरोडी अकाउंट यूजर ने लिखा, “आप सरकार ने दो साल में दिल्ली में तेल के दाम बढ़ाया, क्या केजरीवाल ने वो टैक्स पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान का निर्माण करने के लिए था?” एक अन्य यूजर अमित नारंग ने लिखा, “सरजी को बोलकर दिल्ली में पेट्रोल पर राज्य का टैक्स है वो हटवाओ” शकील अख्तर नामक यूजर ने लिखा, “अन्ना हजारे से यही तो माहौल बनवाया था आप लोगों ने! @ajaymaken का कहना है कि केजरीवाल और मोदी टैक्स हट जाए तो पेट्रोल 34 और डीजल 32 हो जाएगा।” मुकेश पाठक नामक यूजर ने आशुतोष पर निजी कटाक्ष करते हुए लिखा, “वैसे आप भी आम आदमी पार्टी के लिए वही साबित हुए जो कांग्रेस के लिए दिग्विजय सिंह और मनीष तिवारी”

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के काफी कम होने के बावजूद देश में 70 से 80 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल बिक रहा है। पेट्रोल की कीमत इस समय देश में अगस्त 2014 के बाद सर्वाधिक है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 प्रतिशत कम हो चुकी है।  पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस पर लगाया गया अतिरिक्त टैक्स है। केंद्र सरकार ने तीन सालों में पेट्रोल पर उत्पाद कर 126 प्रतिशत बढ़ा दिया है। डीजल पर उत्पाद कर 374 प्रतिशत बढ़ गया है। नरेंद्र मोदी सरकार और वित्त मंत्री अरुण जेटली तर्क देते रहे हैं कि सरकार अतिरिक्त टैक्स से होने वाली आय को मूलभूत ढांचे के विकास पर खर्च करना चाहती है। लेकिन सरकार इसे लेकर आलोचनाओं से घिरी हुई है।

पेट्रोल और डीजल को केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा है। पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के तहत न होने की वजह से उस पर उत्पाद शुल्क के अलावा राज्यों वार तरीके से बिक्री कर और वैट भी लगता है। इसीलिए अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल की दर भिन्न-भिन्न होती है। सोशल मीडिया यूजर्स आशुतोष की इसी बात के लिए खिंचाई कर रहे थे कि दिल्ली की आम आदमी सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर और वैट की दर बढ़ा दी थी। जीएसटी के तहत समस्त सेवाओं और उत्पादों पर शून्य, पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत के दर से ही टैक्स लिया जाता है। अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाएगा तो इस पर कुल टैक्स अधिकतम 28 प्रतिशत होगा। यदि सरकार इस पर अतिरिक्त कर भी लगाती है तो ये मौजूदा टैक्स से काफी कम होगा। एक अनुमान के मुताबिक जीएसटी के तहत आने के बाद पेट्रोल 40 रुपये से कम कीमत पर बिकेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वित्त मंत्रालय से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की अपील कर चुके हैं।

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