इग्नू से परेशान छात्रा ने लगाई गुहार
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की एक छात्रा ने विश्वविद्यालय के गैरजिम्मेदाराना रवैये को उजागर करते हुए एक आॅनलाइन याचिका दायर की है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री सहित 12 विभागों को संबोधित इस याचिका को बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का समर्थन भी मिल रहा है। खबर लिखे जाने तक छात्रा की याचिका पर 400 से अधिक छात्र हस्ताक्षर कर चुके थे। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहने वालीं सुमन शर्मा इग्नू की छात्रा हैं। वह पाठ्यक्रम सामग्री सही समय पर नहीं मिलने, परीक्षा का प्रवेश पत्र समय पर नहीं आने और परिणाम देरी से घोषित होने की समस्या से परेशान हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का रवैया भी बहुत खराब है। इस परेशानी को व्यक्त करने के लिए उन्होंने आॅनलाइन याचिका वेबसाइट चेंज डॉट ओआरजी का सहारा लिया।
उन्होंने अपनी याचिका में सिलसिलेवार सात बिंदुओं को उठाया है। सुमन ने अपनी याचिका में लिखा कि इग्नू ने हर विभाग के लिए अलग फोन और ईमेल की व्यवस्था की है लेकिन फोन मिलाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है और न ही ईमेल का जवाब आता है। इसके बाद यदि छात्र विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय जाकर अपने सवाल का जवाब चाहता है तो वहां के कर्मचारी कुछ बताना नहीं चाहते। कई बार तो कर्मचारी विद्यार्थियों के साथ बुरा बर्ताव भी करते हैं।
याचिका के मुताबिक पाठ्यक्रम की सामग्री कभी समय पर नहीं आती है, जिससे परीक्षा के दौरान परेशानी होती है। जब देर सबेर आती भी है तो वह ठीक नहीं होती है। यानी विद्यार्थियों के पास पाठ्यक्रम से अलग किताबें पहुंच जाती हैं। इन्हें बदलवाने में महीनों गुजर जाते हैं। इसके बाद जब परीक्षाओं की बारी आती है तो प्रवेश पत्र समय पर नहीं मिलता है। कई बार तो यह परीक्षाओं के खत्म होने के बाद विद्यार्थियों तक पहुंचता है। उन्होंने इसे विद्यार्थियों के लिए किसी उत्पीड़न से कम नहीं बताया है।
यही नहीं, सुमन ने आरोप लगाया कि कई बार उत्तरपुस्तिकाओं को खोलकर भी नहीं देखा जाता है और उसके पहले पन्ने पर अपने मन से अंक लिख दिए जाते हैं। उनका कहना है कि कॉपी जांचने वालों का यह रवैया विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ ही है। सुमन ने याचिका में लिखा है कि विश्वविद्यालय परिणामों की घोषणा में बहुत देर करता है। कई बार तो तीन से चार महीने तक परिणाम नहीं आता है। पाठ्यक्रम विवरणिका में लिखा गया है कि टर्म एंड एग्जामिनेशंस (टीईई) का परिणाम 45 दिनों के अंदर घोषित किया जाता है जबकि सही में यह परिणाम तीन से चार महीने के बाद ही आता है।
सुमन के अलावा इग्नू के कई अन्य विद्यार्थी भी विश्वविद्यालय की कमियों को अपने-अपने ढंग से समाने ला रहे हैं। मुजफ्फरपुर की सायका तमकीन ने भी फेसबुक पर एक मुहिम चलाई हुई है। उनकी इस मुहिम से सैकड़ों छात्र जुड़ रहे हैं। उनकी इस पहल को विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों ने हाथों-हाथ लिया है। इग्नू के कुलसचिव (एमपीडीडी) संजीव पांडे ने बताया कि हमारे यहां से सही पाठ्यक्रम सामग्री ही भेजी जाती है। उनके मुताबिक अगर किसी विद्यार्थी के साथ ऐसा हुआ है तो उसे तुरंत अपने क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। उसकी समस्या का निदान तुरंत किया जाएगा। गौरतलब है कि 1985 में शुरू हुए इग्नू से 40 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।