इन तीन सेक्शुअल डिसीज के नहीं पता चलते लक्षण लेकिन हो सकते हैं घातक

कुछ यौन संचारित रोग ऐसे होते हैं जिनके लक्षण कुछ समय तक स्पष्ट होते हैं। ऐसे रोगों को पहचानकर उनका इलाज करना आसान होता है, लेकिन कुछ ऐसे भी यौन रोग हैं जिनमें कोई वाह्य लक्षण दिखाई ही नहीं देते। ऐसे रोग कई बार घातक भी हो जाते हैं। आज हम आपको तीन ऐसे ही सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिसीज के बारे में बताने वाले हैं जिनके लक्षण बाहरी तौर पर तो दिखाई नहीं देते लेकिन इनका संक्रमण आपको गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

ह्यूमन पेपिलोमा वायरस – ह्यूमन पेपिलोमा वायरस यानी कि एचपीवी एक सामान्य यौन संचारित रोग है। कंडोम का इस्तेमाल भी इससे सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पाता। शारीरिक संबंध बनाने वाले तकरीबन 50 प्रतिशत लोगों को इस रोग से ग्रस्त होने की संभावना होती है। तीस साल से कम उम्र के लोगों को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं लेकिन तीस साल से ज्यादा उम्र के लोगों को इसकी जांच करवाते रहना जरूरी है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस लाइलाज बीमारी है और कई मामलों में यह सर्वाइकल कैंसर का कारण भी बनता है।

क्लैमाइडिया – यह संक्रमण 25 साल से कम उम्र की महिलाओं में होने वाला एक सामान्य यौन संचारित रोग है। इसके भी कोई वाह्य लक्षण दिखाई नहीं देते हैं फिर भी क्लैमाइडिया से संक्रमित पार्टनर से संबंध बनाने के बाद पेशाब करते वक्त जलन, योनि से असामान्य स्राव और दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इन लक्षणों की वजह से लोग इसे वेजिनल इंफेक्शन या फिर यूरीन इंफेक्शन समझने की भूल कर बैठते हैं। क्लैमाइडिया अगर पेल्विक रीजन या फिर गर्भाशय में पहुंच जाता है तो यह फैलोपिन ट्यूब्स को ब्लॉक कर देता है और इस वजह से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। क्लैमाइडिया को एंटीबायोटिक्स से ठीक किया जा सकता है लेकिन इसके लिए समय पर इसकी पहचान करना जरूरी है।

गोनोरिया – गोनोरिया भी 25 साल से कम उम्र की सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं में होने वाली एसटीडी है। इसके भी ज्यादातर लक्षण क्लैमाइडिया की तरह ही होते हैं। इसका समय रहते इलाज इसलिए जरूरी है क्योंकि यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। इसकी वजह से आपका प्रजनन तंत्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से इसे भी ठीक किया जा सकता है।

 

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