इमरान को लिखा खत सार्वजनिक करें मोदी: कांग्रेस
कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आखिर उस लक्ष्मण रेखा का क्या हुआ, जिसका जिक्र करते हुए कहा गया था कि आतंकवाद की समाप्ति तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। इसके साथ ही कांग्रेस ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे को मुद्दा मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह व्यक्तिगत तौरपर वहां गए थे। कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र इस सरकार के पास कोई नीति न होने का परिचायक है।
मोदी ने खान को संबोधित पत्र में लिखा है कि भारत इस्लामाबाद के साथ रचनात्मक संवाद चाहता है। कांग्रेस ने मांग की है कि पाकिस्तान के साथ संवाद बहाली के बारे में चल रही कई सारी चर्चाओं को स्पष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री को यह पत्र सार्वजनिक करना चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के संबंध अत्यंत जटिल हैं। पार्टी ने जोर देकर कहा कि “नवजोत सिंह सिद्धू कोई मुद्दा नहीं हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, “असली मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते का है, भारत-पाकिस्तान के गतिरोध का दक्षिण एशिया पर पड़ने वाले असर का और पाकिस्तान को लेकर राजग सरकार के पास कोई नीति न होने का है। तिवारी ने कहा, “ऐसा लगता है कि तमाम लक्ष्मण रेखाओं के बावजूद संवाद बहाली की बात कही गई है। इन रेखाओं का मतलब यानी बातचीत तबतक नहीं होगी, जबतक पाकिस्तान आतंकवाद बंद नहीं कर देता, जबतक 26/11 के साजिशकर्ताओं को दंडित नहीं कर दिया जाता, जबतक लखवी को जेल में नहीं डाल दिया जाता, जबतक जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को कैद नहीं कर दिया जाता।”
उन्होंने कहा, “इस तरह सरकार की तरफ से भ्रम पैदा करने की एक ठोस कोशिश की गई है। वास्तविक मुद्दा तो यह है। पाकिस्तान संग बातचीत की भारतीय पहल के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के दावे का सरकार द्वारा खंडन किए जाने के मुद्दे पर तिवारी ने कहा, “इस सरकार के साथ दिक्कत यह है कि असहज सवालों पर यह सिर्फ सूत्रों के जरिए बात करती है। उन्होंने कहा, “भारत में सूत्रों को लेकर आपके पास एक दूसरी कहानी है, जो कहती है कि इस तरह की कोई पेशकश नहीं की गई है। इसलिए प्रधानमंत्री उस पत्र को सार्वजनिक क्यों नहीं करते हैं, जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखा है?”
कांग्रेस नेता ने कहा, “मुझे लगता है कि उस पत्र को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाए। और मैं यह भी दावे के साथ कह सकता हूं कि सरकार ऐसा नहीं करने वाली है। तिवारी ने कहा कि नीति सुझाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है। उन्होंने कहा, “हम जब 10 साल तक सरकार में थे तो उस दौरान हमने नीति बनाई और उसे लागू किया। उन्होंने आगे कहा, “राजग-भाजपा सरकार अपनी पाकिस्तान नीति पर विशिष्टता दिखाने के चक्कर में हास्यास्पद स्थिति में पहुंच गई है।”